Medicine Price Hike : दवा की कीमतों में 30 फीसदी तक इजाफा, जानिए बड़ी वजह 

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 29, 2022, 01:58 PM IST

पेरासिटामोल समेत कई दवाओं के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं. 

Medicine Price Hike : डॉलर के मुकाबले रुपये में रिकॉर्ड गिरावट (Rupee Depreciates Against Dollar) आने की वजह से दवाओं के रॉ मटीरियल की कीमत में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है, जिसकी वजह से दवा बनाने की लागत में इजाफा हो गया है. 

डीएनए हिंदी: घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी के बीच डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट (Rupee Depreciates Against Dollar) जारी है, इससे देश में दवा की कीमत (Mdeicine Price Hike)  में तेज वृद्धि हुई है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में दवाओं की कीमतों में 30 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार कि मेडिकल स्टोर्स पर उपलब्ध दवाओं के अधिकांश नए बैच पहाड़ी राज्य में बढ़े हुए दामों के साथ आ रहे हैं. ड्रग मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (Drug Manufacturing Association) के प्रमुख प्रमोद कलानी ने कहा कि इंटरनेशनल मार्केट में दवाओं का कच्चा माल तेजी से महंगा होता जा रहा है. उन्होंने कहा कि रुपये के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से कच्चे माल के दाम (Raw Material Price) भी बढ़ रहे हैं.

पैरासिटामोल की कीमत में इजाफा 
पैरासिटामोल का कच्चा माल जो पहले 5,000 रुपये प्रति किलोग्राम था, अब 9,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है. इस वजह से कंपनियों को कुछ दवाओं के दाम बढ़ाने पड़े हैं. होलसेल केमिस्ट एसोसिएशन के प्रमुख मनीष नंदा ने बताया कि पिछले महीने दवाओं के दाम में 10 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. स्टेट ड्रग कंट्रोलर ताजबार जग्गी ने माना कि कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण दवा निर्माता दवाओं के दाम बढ़ा रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि मूल्य नियंत्रण के तहत आने वाली अनुसूचित दवाओं की कीमतों में वृद्धि नहीं की जा सकती है.

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दवा की कीमतों में वृद्धि

दवा पुरानी दरें नई दरें
चीनी इंजेक्शन (रायज़ोडेग) 1024 1126
चीनी इंजेक्शन (लेंटस) 722 794
चीनी दवा (ग्लाइकोमेट) 155 170
लिवर मेडिसिन (उडिलिव) 580 694

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रुपये में तेजी गिरावट
मौजूदा समय में रुपये में रिकॉर्ड गिरावट देखने को मिल रही है. डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से इंपोर्टिड सामान हो जाता है. इसी तरह से दवा बनाने के लिए विदेशों से आने वाला रॉ मटीरियल भी काफी महंगा हो गया है. मौजूदा समय में 11 पैसे की गिरावट के साथ 78.96 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर रुख के साथ 78.86 पर खुला. बाद में स्थानीय मुद्रा और कमजोर होकर 78.96 पर आ गई, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले 11 पैसे की गिरावट दर्शाता है. यह डॉलर के मुकाबले रुपये का अब तक का सबसे निचला स्तर है. रुपया मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 48 पैसे टूटकर 78.85 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था.

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