कैसे और किसने शुरू की थी MRF, जिसका शेयर आज कर गया एक लाख रुपए को पार

नेहा दुबे | Updated:Jun 13, 2023, 03:10 PM IST

MRF Tyre Share

MRF का शेयर जब मार्केट में आया था तब यह मात्र 11 रुपये प्रति शेयर था आज यह भारत का पहला ऐसा शेयर है जिसने 1 लाख रुपये प्रति शेयर के आंकड़े को पार कर लिया है. आइए जानते हैं कैसे शुरू हुई ये कंपनी और किसने रखी थी इसकी नीव?

डीएनए हिंदी: MRF Share का दाम अपने ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है. मंगलवार को एमआरएफ टायर का शेयर 1 लाख को पार कर गया. ये भारतीय शेयर बाजार की दुनिया में किसी करिश्मे से कम नहीं है. एमआरएफ के इस बड़े कीर्तिमान बनाने के मौके पर आइए जानते हैं आखिर कब शुरू हुई थी ये कंपनी और किसने रखी थी इसकी नीव.

MRF टायर की शुरुआत कैसे हुई?

MRF टायर का इतिहास जानने से पहले इसको बनाने वाले के बारे में जान लेते हैं. के एम मम्मेन मप्पीलाई ((K.M. Mammen Mappillai)) MRF लिमिटेड वेंचर के फाउंडर हैं. के एम मम्मेन मप्पीलाई ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीए इकोनॉमिक्स आनर्स और मद्रास क्रिस्चियन कॉलेज से इकोनॉमिक्स में एमए किया है. इन्होने MRF कंपनी की स्थापना चेन्नई में 1946 में एक गुब्बारा बनाने वाली कंपनी के तौर पर की थी.

बता दें कि के एम मम्मेन मप्पीलाई ने कंपनी की नीव आजादी से पहले यानी 1946 में ही रख दी थी. लेकिन समय ने साथ नहीं दिया और उन्हें कंपनी ठप हो गई. हालांकि 'जो जागते हुए सपने देखते हैं वो कहां इतनी जल्दी हार मानते हैं' के एम मम्मेन मप्पीलाई ने भी कुछ ऐसा ही किया और फिर से कंपनी को खड़ा किया. आज यही कंपनी यानी MRF टायर भारत की इकलौती ऐसी कंपनी है जो बाइक और कार से लेकर हवाईजहाज तक के टायर बनाती है. जी हां, MRF सुखोई 30 एमकेआई सिरीज के लड़ाकू विमानों के टायर बनाने का काम करती है और इसके प्रोडक्ट 65 से भी ज्यादा देशों में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. 

MRF टायर का मार्केट कैप कितना है?

टायर बनाने वाली कंपनी MRF का जनवरी से मार्च तिमाही में पिछले साल के मुकाबले मुनाफा लगभग 86 प्रतिशत बढ़ा है. इस दौरान कंपनी के इनकम में 10 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला. जिसके बाद कंपनी ने शेयरधारकों के लिए 169 रुपये के डिविडेंड का ऐलान किया था. जिसके बाद फाइनेंशियल ईयर 2023 के लिए टोटल डिविडेंड 175 रुपये हो गया है. आज यानी मंगलवार को जब MRF कंपनी का शेयर 1,00,038.70  रुपये पर पहुंच गया है तो MRF का मार्केट कैप 42,444.98 करोड़ रुपये हो गया है.

अब किसके हाथों में है कंपनी का बागडोर?

मौजूदा समय में MRF कंपनी का बागडोर राहुल मप्पीलाई (Rahul Mappillai) के हाथ में है. राहुल मप्पीलाई 2017 से MRF के मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर पदभार संभाल रहे हैं. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक अंबिका मम्मेन, अशोक जैकब, सीबी मम्मेन, जैकब कुरियन, रंजित आई जेसुदासेन, सलीम जोसफ थॉमस वी श्रीधर, विजय आर किर्लोस्कर और विमला अब्राहम MRF में डायरेक्टर हैं. वहीं अरुण मम्मेन, के एम मम्मेन चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. मधु पी नैनं MRF फाइनेंस की वाईस प्रेसिडेंट का पदभार संभाल रही हैं. समीर थारियां मप्पीलाई और वरुण मम्मेन व्होले टाइम डायरेक्टर हैं और एस धन्वंत कुमार कंपनी सेक्रेटरी हैं. 

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