MSME Day : दुनिया के 90 फीसदी कारोबार है MSME पर निर्भर, जानिए किस राज्य में हैं सबसे छोटे कारोबार

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Jun 27, 2022, 06:15 PM IST

MSME Day: आज पूरी दुनिया में MSME Day सेलीब्रेट किया जा रहा है, जिसकी शुरूआत संयुक्त राष्ट्र ने 2017 में थी, ताकि पूरी दुनिया को एमएसएमई की उपयोगिता और महत्ता के बारे में जरुरकता फैलाई जा सके.

डीएनए हिंदी: सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्यमों (MSME)  के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा  हर साल 27 जून को MSME Day के रूप में मनाया जाता है. दुनिया भर की अर्थव्यवस्था और रोजगार पैदा करने में MSME की बहुत बड़ी भूमिका है. साल 2030 तक दुनिया को 60 करोड़ और रोजगार पैदा करने होगें. इसके लिए लघु और मध्यम आकार के उद्यमों को बढ़ावा देना जरुरी है.  

दुनिया में MSME  
विश्व बैंक के अनुसार दुनिया भर में लगभग 90% व्यवसाय और 50% से अधिक रोजगार MSME से ही पैदा होते हैं. पूरी दुनिया की जीडीपी (GDP) में इसका हिस्सा 50 % हैं. वहीं विकासशील अर्थव्यवस्था में MSME का योगदान करीब 40 प्रतिशत तक हैं. यही नहीं इन देशों में 10 में से 7 रोज़गार SME (Small & Medium Enterprises) में पैदा होते हैं.  

 

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MSMEs : The Growth Engines of New India #InternationalMSMEDay #MSMEDay #IMD2022 - PIB MSME (@PIBMSME) 27 June 2022

 

भारत में 95 फीसदी से ज्यादा Micro Enterprise  
NSSO (National Sample Survey Office) के साल 2015-16 के सर्वे का अनुमान है कि देश में 6.3 करोड MSME काम कर रहे हैं. इनसे देश के 11 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है. इनमें से 1.96 करोड़ मैन्युफैक्चरिंग में, व्यापार में 2.3 करोड़ और 2  करोड़ अन्य कैटगरी में वर्गीकृत किए गए हैं.  वहीं भारत में उद्यम पोर्टल पर 26 जून तक रजिस्टर्ड MSME की संख्या 92.76 लाख पार कर चुकी है. इसमें से 95 फीसदी से ज्यादा सूक्ष्म उद्योग हैं. MSME मंत्रालय ने सूक्ष्म उद्योगों (Micro Enterprise) के लिए एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये का टर्नओवर की सीमा तय की है.  छोटे उद्योगों के  लिए ये सीमा  10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर रखी गई है. वहीं मध्यम उद्योगों की श्रेणी में  20 करोड़ रुपये निवेश और 250 करोड़ रुपये टर्नओवर वाले उद्योग आते हैं.

MSME का देश की GVA एक तिहाई योगदान 
अगर पिछले 7 सालों के आकड़ों पर नजर डालें तो MSME सेक्टर की देश की GVA (Gross Value Added) में लगातार बढ़ोतरी हुई है. साल 2018-19 में तो बढ़कर 33.5 फीसदी तक पहुंच गया था. इसके बाद आर्थिक गतिविधियों में कमी और कोविड के कारण इसमें थोड़ी कमी आई है, लेकिन अभी ये देश के GVA में MSME सेक्टर का योगदान 30 प्रतिशत है.  

देश के निर्यात में MSME का  आधा हिस्सा  
करोड़ों रोजगार पैदा करने के साथ साथ MSME देश के लिए बहूमूल्य विदेशी मुद्रा भी कमा के देता है. देश की GVA में एक तिहाई की हिस्सेदारी रखने वाला MSME सेक्टर का देश के निर्यात में हिस्सेदारी (49.35 %) कुल निर्यात की लगभग आधी है.  साल 2020-21 में कोविड के कारण  MSME सेक्टर को काफी नुकसान झेलना पड़ा था. इसके बावजूद निर्यात में इसकी हिस्सेदारी में ज्यादा असर नहीं देखा गया.  

कोविड महामारी में तीन में से दो MSME बुरी तरह प्रभावित  
कोविड 19 महामा­री का MSME सेक्टर पर गंभीर प्रभाव देखने को मिला.  महामारी के दौरान लॉकडाउन के चलते कई उद्योगों को स्थाई या पूरी तरह से बंद करना पड़ा था. कोविड 19 के कारण दुनिया भर के सूक्ष्म और लघु आकार के  उद्योगों को भारी  नुकसान झेलना पड़ा. International Trade centre के एक सर्वे के अनुसार 2 में से 3 सूक्ष्म और लघु उद्योग (SME) ‘अत्याधिक प्रभावित’ हुए. वहीं इसी दौरान 43 फीसदी बड़े उद्योगों पर ही ‘अत्याधिक प्रभाव’ झेलना पड़ा.  सर्वे ने ये भी पाया था कि  महामारी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान महिलाओं और नौजवानों द्वारा चलाए जा रहे उद्योगों को हुआ है.

महिलाओं के द्वारा चलाए जा रहे 61% उद्योग गंभीर रुप से प्रभावित हुए वहीं पुरुषों द्वारा चलाए जा रहे केवल 43% उद्योग ही गंभीर रुप से प्रभावित हुए थे. नौजवानों द्वारा चलाए जा रहे 27% उद्योगों को महामारी के शुरुआती तीन महीनों में ही बंद करना पड़ा था. भारत में भी उद्योगो के काफी नुकसान हुआ था. भारत सरकार के Small Industries Development Bank of India द्वारा 1,029 MSME में कराए गए सर्वे के अनुसार 67 % प्रतिशत MSME को 3 महीनों के लिए बंद करना पड़ा था. साथ ही 50% से ज्यादा उद्योगो की आय में 25 % से ज्यादा की कमी हुई थी. 

भारत के इन राज्यों में है सबसे ज्यादा MSME 
साल 2015-16 में किए गए NSSO सर्वे के अनुसार देश में 6.3 करोड़ MSME होने का अनुमान लगाया गया था. इस अनुमान के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा MSME उत्तर प्रदेश (90 लाख) काम कर रहे हैं. इसके बाद 88 लाख उद्यमों के साथ पश्चिम बंगाल का नम्बर आता है. तमिलनाडू (49.4 लाख),महाराष्ट्र(47.78 लाख), कर्नाटक (38.34 लाख) भी सबसे बड़े पांच राज्यों में शामिल हैं.

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