MSME Dues: लघु उद्योगों में फंसा है देश का 32,000 करोड़ से ज्यादा का रुपया, सरकार को देने हैं आधे पैसे

अभिषेक सांख्यायन | Updated:Nov 14, 2022, 09:41 PM IST

MSME सेक्टर को लेकर देश में काफी लोन बांटा गया है लेकिन इसकी देनदारी बाकी है जो कि NPA भी बन सकती है.

डीएनए हिंदी: MSME देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. सालों से भारत की GDP का एक तिहाई MSME सेक्टर से आता है लेकिन रोजगार पैदा करने में MSME सेक्टर का योगदान कहीं ज्यादा है. नोटबंदी, GST और लॉकडाउन के कारण सबसे ज्यादा दबाव भी इन्होंने ही झेला था. पहले से ही मुश्किल हालातों में चल रहे MSME सेक्टर को अगर बकाया भुगतान के लिए जूझना पड़े तो संकट और गहरा हो जाता है.   

देश की GDP में एक तिहाई योगदान  

MSME सेक्टर देश का जीडीपी में योगदान करीब एक तिहाई के आसपास रहता है. वहीं निर्यात में MSME का हिस्सा करीब 45 % है. उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल के मुताबिक इससे देश के करीब 3.56 करोड़ लोगों को रोजगार मिलता है. पिछले कुछ सालों से MSME सेक्टर की देश की GDP में हिस्सेदारी 30 % के आस पास रही है लेकिन साल 2020-21 में ये गिरकर 26.83% रह गया. ये साल कोविड और लॉकडाउन से प्रभावित रहा है. कम पूंजी से चलने वाले MSME सेक्टर ने किसी तरह अपने आप को बचाए रखा है. लेकिन पिछले कुछ समय से भुगतान में देरी की खबरें आ रही है.  

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इंडिया इंक MSME का समय से करें भुगतान- वित मंत्री  

करीब दो महीने पहले वित मंत्री ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम में निजी क्षेत्र की कंपनियों को 45 दिन के भीतर भुगतान करने के लिए कहा था. हालांकि उन्होंने ये भी स्वीकार किया की अलग-अलग सरकारी मंत्रालय और PSU भी MSME को समय से पैसे नहीं चुका रही हैं.

32,000 करोड़ से ज्यादा MSME का पैसा फंसा 

सरकार ने MSME के पैसों के समय से भुगतान के लिए एक समाधान नामक पोर्टल बनाया है . इस पर MSME समय से न चुकाए जाने वाले भुगतान के लिए शिकायत दर्ज कर सकता है. इस पोर्टल पर 14 नवंबर तक 1.26 लाख शिकायतें दर्ज हो चुकी है. इन सवा लाख शिकायतों के अनुसार करीब 32360 करोड़ रु का भुगतान फंसा हुआ है. इनमें सबसे ज्यादा भुगतान राज्य सरकारों (4941 cr.) का है. इसके बाद दूसरा नम्बर केन्द्र सरकार के PSU (4317 cr) का है. इसके अलावा राज्य सरकारों के PSU का भी करीब 2549 करोड़ रु चुकाना है. 

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कुल मिलाकर सरकार के पास करीब 15000 करोड़ रु लंबित है. इसके अलावा 14265 करोड़ रु  को ‘अन्य’ खाते में दिखाया गया है. सरकार में सबसे बड़े देनदारों में केन्द्र सरकार के PSU हैं. जिनके पास MSME के करीब 4317 करोड़ रु फंसे हुए हैं.  इन PSU में भी अकेले BSNL के पास 2026 करोड़ रु बकाया है. इसके अलावा BHELको 379 करोड़ रु चुकाने हैं. वहीं IOC, B & R, SAIL, NTPC, HPCL, GAIL, ONCE, ITI जैसी नवरत्न कपनियों के पास भी MSME के पैसे फंसे हुए हैं.  

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