डीएनए हिंदी: पिछले कुछ सालों में मिडिल क्लास और महिलाओं ने भी बड़े पैमाने पर म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू किया है. इस इंडस्ट्री का विस्तार तेजी से हो रहा है और पहली बार बारत में म्यूचुअल फंड का कारोबार 50 लाख करोड़ के पार पहुंचा है. निवेश और बचत के लिए लोग एसआईपी में जमकर पैसा लगा रहे हैं. इस इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट इससे समझ सकते हैं कि पिछले 10 साल में 6 गुना बढ़ी है. साल 2013 तक इंडस्ट्री का कुल एयूएम ₹8.25 लाख करोड़ रुपये था जो कि साल 2023 में बढ़कर 50 लाख करोड़ से भी ऊपर पहुंच गया है. यह आंकड़े इंडस्ट्री की एपेक्स बॉडी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की ओर से जारी किया गया है. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि देश में निवेश और बचत को लेकर लोगों की समझ बढ़ रही है.
एएमएफआई का मानना है कि म्यूचुअल फंड उद्योग इस दशक के अंत तक ₹100 लाख करोड़ एयूएम के आंकड़े को पार करने के लिए तैयार है. एसआईपी में निवेश करने को लेकर भी भारतीयों की रुचि पहले से काफी बढ़ी है. आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं. साल 2020 में एसआईपी या सिप में एवरेज मंथली फ्लो करीब 8,000 करोड़ रुपये का था जो कि दिसंबर 2023 में बढ़ कर 17,610 करोड़ पहुंच गया है. खास बात यह है कि एसआईपी बहुत छोटी रकम से भी शुरू कर सकते हैं जिस वजह से हर वर्ग के लोगों के लिए इसमें निवेश करना आसान है.
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SIP में खूब कर रहे भारतीय निवेश
एसआईपी में दिसंबर 2023 में 17,610 करोड़ रुपये तक का निवेश हो चुका है जो कि रिकॉर्ड हाई है. अकेले एसआईपी का क्यूमूलेटिव फ्लो 1,41,000 करोड़ रुपये के फ्लो को पार कर गया है और दिसंबर 2023 तक सिप का एयूएम 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि फाइनेंशियल लिटरेसी के साथ ही लोगों के पास डिजिटल सुविधाएं पहुंच रही हैं जिसकी वजह से निवेश के गैर-पारंपरिक तरीकों ने सबका ध्यान आकर्षित किया है. यह भारतीय अर्थव्यवस्था के बदलते स्वरूप को दिखाने के लिए काफी है.
तेजी से बढ़ रहा है म्यूचुअल फंड का मार्केट
एएमएफआई के चीफ एक्जीक्यूटिव वेंकट चलसानी ने कहा कि म्यूचुअल फंड उद्दोग अब तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘जहां म्यूचुअल फंड उद्योग को पहले ₹10 लाख करोड़ का एयूएम अर्जित करने में लगभग 50 साल लग गए थे वहीं अंतिम ₹10 लाख करोड़ रुपए सिर्फ एक साल में अर्जित किए गए. ₹40 लाख करोड़ से ₹50 लाख करोड़ की राशि सिर्फ एक साल में जमा हो गई. यह भारतीयों के निवेश के तरीके में होने वाले बदलाव को दिखाता है.
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