National Insurance Awareness Day: हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 28, 2022, 09:53 AM IST

National Insurance Awareness Day: कोविड के दौरान आम लोगों में हेल्थ इंश्योंस को लेकर काफी जागरुकता बढ़ गई है. उसके बाद भी आम लोगों को इस बात की जानकारी नहीं कि वो कौन सा हेल्थ इंयोंरस आपके लिए सहीं है. 

डीएनए हिंदी: भारत मौजूदा समय में दोहरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, पहला कि इ्ंफेक्शियस रोगों से मुकाबला कर रहे हैं और दूसरा कि पुरानी बीमारियों से भी लड़ रहे हैं. इन सब के पीछे की वजह है हम सभी का लाइफस्टाइल, जिस​का असर हम पर दिखाई देने लगा है. जानकारों का कहना है कि मौजूदा समय में भारत ने मेडिकल साइंस में काफी तरक्की की है. देश में एडवांस ट्रीटमेंट अवेलेबल है. भारतीय डॉक्टरों को दुनिया भर में तूती बोलती है और यहां सबसे एडवांस डायग्नोस्टिक और थैरेप्योटिक तकनीक मौजूद हैं. वैसे इन सभी का खर्च भी काफी है. इस मोटे खर्च से बचने का एक ही तरीका है और वो हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी (Health Insurance Policy). कोविड के बाद लोगों में इसकी जागरुकता और डिमांड में काफी इजाफा भी देखने को मिला है. अब सवाल यह है कि आपके लिए सबसे बेहतर हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी कौन सी है? इस सवाल से दो-चार होते हैं और हुए भी होंगे. आज हम आपको एक्सपर्ट के हवाले से यही बताने जा रहे हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को खरीदने से किन बातों का ध्यान रखना काफी जरूरी है. 

Sum Assured
पर्याप्त बीमा राशि का निर्णय इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए :

निवास स्थान - स्वास्थ्य` देखभाल की खपत काफी हद तक स्थानीय है. उपचार की लागत शहर से शहर में भिन्न होती है. इसलिए जानकार कहते हैं कि मेट्रो शहर में रहने वाले व्यक्ति को अधिक बीमा राशि की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि टियर 2 और 3 शहरों की तुलना में मेडिकल खर्च अधिक महंगा होता है.

लाइफस्टाइल और एज - वृद्ध व्यक्तियों की तुलना में कम उम्र के लोगों को अपेक्षाकृत कम बीमा राशि की आवश्यकता हो सकती है.

फैमिली साइज - बड़े परिवारों को अधिक बीमा राशि की आवश्यकता होगी अन्यथा, बीमा राशि समाप्त होने का रिस्क होता है.

अस्पताल में भर्ती होने की भविष्य की लागत - यह मेडिकल इंफ्लेशन और टेक्नोलॉजी में प्रगति और आधुनिक उपचार की उपलब्धता की वजह से उपचार की बढ़ती लागत पर निर्भर करेगी.

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दावा निपटान अनुपात (Claim Settlement Ratio) 
हेल्थ इंश्योरेंस से पहले इसे देखना काफी जरूरी है. सभी को इस बारे में सतर्क और सावधान रहने की जरुरत है. इसका कारण भी है क्योंकि क्योंकि लागू वेटिंग पीरियड के कारण नए प्रोडक्ट्स में थोड़ा कम सेटलमेंट रेश्यो हो सकता है जो कंपनी की रिनुअल बुक के बड़े होने पर समय के साथ धीरे-धीरे बढ़ेगा.

नेटवर्क अस्पताल (Hospital Network)
बीमाकर्ता के अस्पतालों के नेटवर्क में अस्पतालों की संख्या पर ना जाकर इस बात तो देखें कि उनके क्षेत्र और शहर में कितने अस्पतालों का बीमाकर्ता के साथ टाई-अप है. इससे यह सुनिश्चित होगा कि इमरजेंसी के दौरान कोई भी एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल ना भागना पड़े. यह भी देखें कि बड़े और प्रतिष्ठित मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल नेटवर्क में हैं या नहीं. यदि कभी उच्च स्तरीय देखभाल या उपचार की आवश्यकता पड़ती है तो यह मददगार होगा."

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नियम और शर्तें  
पॉलिसी डॉक्युमेंट जिसमें नियम और शर्तें सरल और बोलचाल की भाषा में लिखी जाती हैं, अस्पष्टता को दूर करती हैं. पहले से मौजूद बीमारियों को पॉलिसी में उल्लिखित बहिष्करण आदि के मामले में दावों को अस्वीकार किया जा सकता है. इन शर्तों को अच्छी तरह से समझना और ऐसी पॉलिसी का चयन करना महत्वपूर्ण है जो कम बेटिंग पीरियड ऑफर करती हैं. 

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