NPCI Bank Transfer: अगर विदेश से भारत में भेजना है पैसा तो NPCI लाया ये बड़ी खुशखबरी!

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 06, 2022, 09:07 PM IST

NPCI Bank Transfer को लेकर मोदी सरकार लगातर भारतीयों के लिए विदेशों में सिस्टम को सहज बनाने पर काम कर रही है जिसस उन्हें किसी माध्यम से परेशानी का सामना न करना पड़े.

डीएनए हिंदी: भारत का यूपीआई (UPI) लगातार वैश्विक स्तर पर मजबूत होता जा रहा है. ऐसे में यदि भारतीय विदेश जाते हैं और वहां से अपने घर पर पैसा भेजना चाहते हैं तो आपके लिए यह खबर काम की है. इसकी वजह यह है कि विदेश में रह रहे प्रवासी भारतीयों की देश में पैसे भेजने (International Transactions) की समस्या को हल करने की कोशिश की जा रही है. 

दरअसल, अब यदि आप विदेश में रहते हैं और वहां से ही तुरंत अपने परिजनों के अकाउंट में विदेश भेजना चाहते हैं तो अब आप ऐसा जल्दी और कम चार्ज के जरिए भी कर पाएंगे. केवल इतना ही नहीं विदेश में बसे इंडियन बहुत छोटी अमाउंट भी भारत भेज सकेंगे और NPCI इसे सफल बनाने के सफल प्रयासों में जुटा हुआ है जिसका संकेत यह है कि जल्द ही संस्था अपना इंटरनेशनल पेमेंट सिस्मट लॉन्च करने वाली है. 

महंगा होता इंटरनेशनल लेनदेन

गौरतलब है कि भारत के बाहर विदेशों में करीब 3.2 करोड़ भारतीय रहते हैं और कमाने के उद्देश्य से जाने वाले ये लोग प्रत्येक वर्ष अपने घर पर भारत में रहने वाले लोगों को बड़ी रकम भेजते हैं. इसको लेकर आधिकारिक आंकड़े की बात करें तो विश्‍व बैंक के मुताबिक पिछले साल विदेश गए भारतीयों ने 87 अरब डॉलर भारत भेजे थे. यह दुनिया में दूसरे देशों में रह रहे लोगों की तरफ से अपने देश भेजा जाने वाली सबसे बड़ी राशि है. अभी विदेश से इंडिया पैसे भेजना बहुत महंगा है. हर 200 डॉलर भेजने पर औसतन 13 डॉलर का खर्च आता है. ऐसे में नए पेमेंट सिस्टम से यह काम काफी आसान हो सकता है. 

क्या है यह नया पेमेंट सिस्टम 

दरअसल, एनपीसीआई विदेश से भारत पैसा भेजने के लिए एक सस्‍ता और सरल सिस्‍टम तैयार करने में जुटा है. NPCI International के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा, “हमने भारत में बहुत हद तक नकदी का इस्तेमाल घटा दिया है. अब हम इस सफलता को विदेश से अपने देश में पैसे भेजने के लिए दोहराना चाहते हैं. हमारे इस सिस्टम के जरिए विदेश में रह रहे भारतीय सीधे अपने परिवार के बैंक खातों में पैसे भेज सकेंगे.”

आपको बता दें कि एनसीपीआई UPI प्लेटफॉर्म को दूसरे देशों के पेमेंट ट्रांसफर सिस्टम से जोड़ने जा रहा है. इसके लिए कई देशों की सरकारों, फिनटेक कंपनियों और सर्विस प्रोवाइडर्स से बातचीत चल रही है.  कंपनी को लेकर शुक्ला ने कहा कि हमारा मकसद ट्रांजेक्शन खर्च घटाना है. यही नहीं, एनसीपीआई इंटरनेशनल की मदद से छोटे-छोटे ट्रांजेक्‍शन भी किए जा सकेंगे.

लोगों का काम आसान

Moneyhope के सीईओ मयंक गोयल ने कहा, “इससे पेमेंट की दुनिया में बहुत बड़ा बदलाव आने जा रहा है.” आपको बता दें कि मनीहोप एक बैंकिंग ऐप है जो एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने की सुविधा देता है. यह SWIFT नेटवर्क का इस्तेमाल करता है. गोयल ने कहा कि उनकी कंपनी अपने ऐप को UPI प्लेटफॉर्म के साथ जोड़ेगी. इससे दूसरे देशों में पैसे भेजना आसान हो जाएगा और लोगों का काम अधिक आसान हो जाएगा.

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अभी कैसे होता ट्रांजेक्शन

अभी एक देश से दूसरे देश में पैसे भेजने के लिए SWIFT का इस्तेमाल होता है. इस  SWIFT का मुख्यालय बेल्जियम में है. अहम बात यह है कि दुनियाभर के बैंक इस सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं. भारत में फिलहाल UPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल 330 बैंक और 25 ऐप करते हैं. इनमें गूगल पे और वॉट्सऐप भी शामिल हैं. हालांकि अब गूगल को भी सेफ नहीं माना जा सकता है.  

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