अफीम प्रोसेसिंग में प्राइवेट सेक्टर के लिए खुले दरवाजे, बजाज हेल्थकेयर बनी पहली कंपनी 

Written By सौरभ शर्मा | Updated: Jul 15, 2022, 12:50 PM IST

बजाज हेल्थकेयर (Bajaj Healthcare) देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसे अफीम की प्रोसेसिंग (Opium Processing) का काम सौंपा गया है. आपको बता दें कि अफीम प्रोसेसिंग के अल्कलॉयड (Alkaloids) निकलता है, जिसका उपयोग कफ सिरप, पेनकिलर के के साथ कैंसर की दवाओं को बनाने के काम आता है.

डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार अफीम की प्रोसेसिंग (Opium Processing) के लिए प्राइवेट कंपनियों के लिए दरवाजे खोलने शुरू कर दिए हैं. मोदी सरकार ने पहली बार किसी कंपनी को अफीम प्रोसेसिंग का ठेका दिया है. बजाज हेल्थकेयर (Bajaj Healthcare) देश की पहली ऐसी कंपनी बन गई है, जिसे अफीम की प्रोसेसिंग का काम सौंपा गया है. आपको बता दें कि अफीम प्रोसेसिंग के अल्कलॉयड (Alkaloids) निकलता है, जिसका उपयोग कफ सिरप, पेनकिलर के के साथ कैंसर की दवाओं को बनाने के काम आता है. मौजूदा समय में यूपी और एमपी में दो सरकारी कारखानों में अफीम को प्रोसेस्ड की हर साल करीब 800 टन अल्कलॉयड निकाला जा रहा है. अब भविष्य में बजाज हेल्थकेयर भी हर साल 500 टन अल्कलॉयड का प्रोडक्शन करेगा. जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने बजाज हेल्थकेयर को आने वाले पांच सालों में अपनी कैपेसिटी को 500 से 800 टन तक लाने के लिए क​हा है. 

कैपैसिटी को बढ़ाएगी कंपनी 
बजाज हेल्थकेयर ने जानकारी देते हुए कहा कि कंपनी को अफीम से अल्कालॉयड और दवा एपीआई सरकार को मुहैया कराने के दो ठेके प्राप्त हुए हैं. कंपनी ने अनुमान लगाया है कि वो आने वाले पांच सालों में 6000 टन प्रोसेस्ड कर सकेंगे. कंपनी के ज्वाइंट एमडी अनिल जैन ने मीडिया रिपोर्ट में बयान देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अफीम से अल्कलॉयड का निकालने का काम सौंपा है, कंपनी अल्कलॉयड प्रोसेस कर सरकार सौंपेगी जिसके बाद उसे फॉर्मा कंपनियों को सौंपी जाएगी. कंपनी की ओर से दी जानकारी के अनुसार इस काम के लिए गुजरात के सावली में 34 एकड़ के कारखाने में अहम बदलाव भी किए हैं. इस कारखाने में 250 टन सालाना अफीम प्रोसेस करने की कैपेसिटी है, जिसमें इजाफा किया जाएगा. 

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इस इंडस्ट्री में है काफी मार्जिन
जेएमडी अनिल जैन के अनुसान इस इंडस्ट्री में काफी मार्जिन है. अफीम सरकार की ओर से मुहैया कराया जाता है ऐसे में रॉ मटीरियल पर कुछ नहीं करना पड़ेगा. जानकारी के अनुसार भारत में अफीम प्रोसेसिंग का काम प्राइवेट कंपनियों को इसलिए भी सौंपा जा रहा है क्योंकि सरकार मांग को पूरा नहीं कर पा रही है. केंद्र वित्त वर्ष 2011-12 में भी प्राइवेट फार्मा  कंपनियों को अफीम की खेती में लाने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय किसी ने इस कारोबार में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी. 

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देश के दो सरकारी कारखानों में होता रहा है प्रोसेस्ड 
भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार है, जहां कानूनी दायरे में रहकर अफीम की खेती की जा सकती है. साथ ही भारत अफीम को प्रोसेस्ड करने वाला दुनिया कास इकलौता देश है. फाइनेंस मिनिस्ट्री के तहत आने वाले रेवेन्यू डिपार्टमेंट की वेबसाइट के अनुसार ग्वालियर स्थित केंद्रीय narcotics ब्यूरो यानि CBN किसानों को अफीम की खेती का लाइसेंस देता है, फसल पर नजर रखता है और नियंत्रण भी करता है.लाइसेंस वाले किसानों से उपज भी वहीं खरीदता है, जिसके बाए इस अफीम को यूपी स्थित गाजीपुर और मध्य प्रदेश के नीमच कारखानों में प्रोसेस्ड के लिए सरकार को सौंपी जाती है. थोड़ा बहुत अफीम निर्यात किया जाता है और कुछ हिस्से से अल्कलॉयड निकाला जाता है. 

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