आरबीआई के पेटीएम (Paytm Ban) पर कार्रवाई के बाद से इस फिनटेक कंपनी के निवेशकों और स्टाफ के बीच आशंका का माहौल है. कई रिपोर्ट्स में हजारों कर्मचारियों की छंटनी की भी आशंका जताई गई है. इस बीच एक स्टार्टअप फिनटेक कंपनियां पेटीएम स्टाफ को हायर करना चाहती हैं, लेकिन सैलरी की वजह से मुश्किल बढ़ रही है. आम तौर पर पेटीएम में काम करने वालों की सैलरी इंडस्ट्री के तय मानकों से 20 से 30 परसेंट तक ज्यादा है. ऐसे में दूसरी कंपनियों के लिए पेटीएम कर्मचारियों को अपने साथ जोड़ना और भी मुश्किल हो रहा है. मार्केट जॉब एक्सपर्ट और इनसाइडर ने एक अंग्रेजी मीडिया ग्रुप के साथ बातचीत में इसकी पुष्टि की है.
एक्सपर्ट का कहना है कि पेटीएम (Paytm) की पहचान इंडस्ट्री के तय मानकों से पहले ही ज्यादा रही है. फिनटेक कंपनी अपने साथ मार्केट के बेहतरीन टैलेंट को जोड़ने में कामयाब रही, क्योंकि उन्होंने औसत इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से 20 से 30 फीसदी तक ज्यादा सैलरी ऑफर की. अब जबकि कंपनी खुद मुश्किल दौर से गुजर रही है, तो दूसरी प्रतिस्पर्धी कंपनियां बेस्ट टैलेंट को अपने साथ जोड़ने में उत्सुकता दिखा रही हैं. पेटीएम स्टाफ की सैलरी को मैच करना ज्यादातर स्टार्टअप कंपनियों के लिए मुश्किल है.
यह भी पढ़ें: पेट्रोल पंप के मैनेजर ने कैसे बना ली देश की सबसे अमीर कंपनी
BYJU'S के कर्मचारियों के साथ भी हुई थी ऐसी समस्या
इससे पहले जब BYJU'S में बड़े पैमाने पर छंटनी हुई थी, तो उनके स्टाफ के लिए दूसरी नौकरी ढूंढ़ना मुश्किल हो रहा था. इस एडटेक फर्म के कर्मचारियों की सैलरी भी इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से 20 से 30 गुणा तक ज्यादा थी. बहुत से लोगों को मजबूरी में सेम सैलरी या फिर कम सैलरी पर नई जॉब ज्वाइन करनी पड़ी थी. सूत्रों का कहना है कि पेटीएम में काम करने लोग इस वक्त नई नौकरी के इंटरव्यू में कम सैलरी या उसी सैलरी पर ज्वाइन करने के लिए भी तैयार हो जा रहे हैं.
यह भी पढ़ें: इन बैंकों से मिल सकता है सबसे सस्ता Personal Loan
Paytm के सीनियर अधिकारी पेकट के लिए भी हैं राजी
ट्रांससर्च के सीनियर पार्टनर आशीष सांगानेरिया का कहना है कि पेटीएम के सीनियर और लीडरशिप रोल में रहने वाले ज्यादातर मैनेजर पेकट के लिए अपनी सहमति दे चुके हैं. टीम का मानना है कि पेटीएम की सैलरी किसी और कंपनी में मिलना मुश्किल है. साथ ही, कंपनी मैनेजमेंट मौजूदा मुश्किल हालात से निपटने के लिए दूसरे उपायों पर भी विचार कर रही है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.