डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार (Modi Government) ने देशभर के गांवों वासियों को गुड न्यूज दी है. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) को लेकर सरकार ने एक अहम फैसला लिया है. आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने MGNREGA के लाभार्थियों के लिए बायोमेट्रिक्स वेरिफिकेशन की समयसीमा को बढ़ा दिया है. अब आप कबतक वेरिफिकेशन प्रोसेस को पूरा कर सकते हैं और सरकार के इस फैसले से कैसे ग्रामीण लोगों को फायदा होगा आइए आपको बताते हैं पूरी जानकारी.
जानें क्या है नया नियम
मोदी सरकार ने 28 फरवरी को MGNREGA स्कीम के तहत लाभार्थियों के लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन को शुरू करने का निर्णय लिया था. अब केंद्र सरकार ने इसकी डेडलाइ को 31 दिसंबर तक प्रभावी रखने का फैसला लिया है.
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क्या 31 दिसंबर के बाद भी करा पाएंगे वेरिफिकेशन?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार 31 दिसंबर के बाद भी भी बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन की टाइम लिमिट तो बढ़ा सकती है. मोदी सरकार ने इस संबंध में राज्य सरकारों को पत्र लिखकर जानकारी भी दी है. आधार कार्ड न होने की स्थिति में अब नागरिकों को रोजगार से वंचित नहीं किया जा सकेगा.
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MGNREGA के लाभार्थियों के लिए APBS
आधार पेमेंट ब्रिज सिस्टम (APBS) को डीबीटी के माध्यम से वेतन भुगतान के लिए सबसे प्रभावी तरीका माना गया है. इसके जरिए लाभार्थी को समय पर पैसों का भुगतान कर दिया जाता है. यदि योजना के डेटाबेस में आधार जानकारी अपडेट होने के बाद लाभार्थी का स्थान या बैंक खाता नंबर बदल जाता है, तो उन्हें खाता नंबर अपडेट करने की आवश्यकता नहीं है. एपीबीएस 2017 से महात्मा गांधी नरेगा के तहत उपयोग में है. भारत सरकार ने MGNREGA के लाभार्थियों को एपीबीएस उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. एपीबीएस का उपयोग करके किए गए भुगतान केवल उसी खाते में जमा होंगे जो इससे जुड़ा हुआ है. वर्तमान समय में 14.33 करोड़ एक्टिव लाभार्थियों में से केवल 13.97 करोड़ आधार से लिंक हैं.
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