डीएनए हिंदीः प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि वेटरेन उद्योगपति रतन टाटा (Rata Tata), सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश केटी थॉमस और लोकसभा के पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा को पीएम केयर्स फंड (PM CARES FUND) के ट्रस्टी के रूप में नामित किया गया है. कल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पीएम केयर्स फंड के न्यासी बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भाग लिया. शाह और सीतारमण दोनों ही पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टी हैं.
इन लोगों को सलाहकार बोर्ड में किया गया शामिल
बैठक के दौरान, रतन टाटा, पूर्व एससी जज जस्टिस केटी थॉमस, और पूर्व डिप्टी स्पीकर करिया मुंडा को पीएम केयर्स फंड के नए नामित ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया. पीएमओ के अनुसार, ट्रस्ट ने आगे अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पीएम केयर्स फंड में सलाहकार बोर्ड के गठन के लिए नामित करने का निर्णय लिया. इन प्रतिष्ठित व्यक्तियों में भारत के पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक राजीव महर्षि, इंफोसिस फाउंडेशन की पूर्व अध्यक्ष सुधा मूर्ति, और टीच फॉर इंडिया के सह-संस्थापक और इंडिकॉर्प्स और पीरामल फाउंडेशन के पूर्व सीईओ आनंद शाह शामिल हैं.
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इनकम टैक्स में मिलती है छूट
पीएम केयर्स फंड कोविड-19 महामारी के दौरान बनाया गया था. फंड का प्राथमिक उद्देश्य किसी भी तरह की आपात स्थिति या संकट की स्थिति से निपटना है, जैसे कि महामारी से उत्पन्न, और प्रभावित व्यक्तियों को राहत प्रदान करना. फंड में पूरी तरह से व्यक्तियों/संगठनों से स्वैच्छिक योगदान होता है और इसे कोई बजटीय सहायता नहीं मिलती है. पीएम केयर्स फंड में दान आयकर अधिनियम के तहत 100 फीसदी छूट के लिए 80जी के तहत बेनिफिट मिलता है. सेंट्रे के आंकड़ों के अनुसार, 2020-21 के बीच पीएम केयर्स फंड के तहत कुल 7,031.99 करोड़ रुपये एकत्र किए गए. प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री, भारत सरकार फंड के पदेन ट्रस्टी हैं.
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