Ratan Tata’s Will: रतन टाटा की मौत पर फूट-फूटकर रोया था डॉग Tito, जानिए 10,000 करोड़ रुपये में उसे कितने पैसे मिले हैं

Written By मीना प्रजापति | Updated: Oct 25, 2024, 07:46 PM IST

रतन टाटा के वसीयत में उन्होंने अपनी संपत्ति में भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनों शिरीन और डिएना जीजीभॉय, हाउस स्टाफ और अन्य लोगों के लिए काफी कुछ छोड़ा है. यहां तक कि उनकी वसीयत में पेटडॉग टीटो के लिए भी प्रावधान है.

बीते दिनों उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का देहांत हो गया था. उनके बाद उनकी संपत्ति का ख्याल कौन रखेगा इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई थी. अब इस बात खुलासा हुआ है कि उनकी संपत्ति का ध्यान कौन-कौन रखेगा. उद्योगपति रतन टाटा की करीब 10,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति उनके परिवार, स्टाफ, पालतू डॉग और अन्य लोगों को दान कर दी गई है.  इसके अलावा रतन टाटा ने अपनी संपत्ति अपने फाउंडेशन, भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनें शिरीन और डीना जीजीभॉय, घरेलू कर्मचारियों और अन्य लोगों को भी दान कर दी गई है. 

'Tito' की देखभाल कौन करेगा?
TOI की एक रिपोर्ट के अनुसार, रतन टाटा ने अपनी वसीयत में टीटो की देखभाल की भी चिंता की है और अपने बटलर सुब्बैया और कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू को भी एक हिस्सा दिया है. टीटो की देखभाल टाटा का रसोइया राजन शॉ करेंगे. टाटा की संपत्तियों में अलीबाग में 2,000 वर्ग फुट का बीच बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड पर दो मंजिला घर शामिल है. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, उनके फिक्सड डिपोजिट की राशि 350 करोड़ रुपये से अधिक है और टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी Tata Sons में 0.83% हिस्सेदारी है.

Tata Sons में उनकी हिस्सेदारी रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को हस्तांतरित की जाएगी. TOI की रिपोर्ट के अनुसार, अब उनकी वसीयत को बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा प्रमाणित किया जाएगा. टाटा के विभिन्न पुरस्कार और रिक्ग्निशन टाटा सेंट्रल अभिलेखागार को दान कर दी जाएंगी. इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रहे.  

जहां तक उनके बटलर सुब्बैया की बात है, उन्होंने टाटा के साथ तीन दशकों से ज्यादा समय तक काम किया और वे टाटा के दिल के बहुत करीब थे. जब वे उनके साथ विदेश यात्रा पर जाते थे, तो टाटा उनके रसोइए राजन और बटलर सुब्बैया दोनों के लिए डिजाइनर कपड़े खरीदते थे.  टाटा के कार्यकारी सहायक और विश्‍वासपात्र शांतनु नायडू को भी वसीयत का हिस्‍सा बनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा ने नायडू द्वारा शिक्षा के लिए लिया गया पर्सनल लोन माफ कर दिया गया है और नायडू के सभी कारोबार गुडफेलो में अपनी हिस्‍सेदारी छोड़ दी है. नायडू को मिली ये बड़ी राहत बताती है कि शांतनु, Ratan Tata के आखिर कितने करीबी थे, जहां तक रतन टाटा के पालतू डॉग टीटो की बात है तो उसकी देखभाल शॉ द्वारा की जाएगी. इस डॉग को रतन टाटा ने 5-6 साल पहले गोद लिया था.


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भारत का पहला जानवरों का अस्पताल
टाटा ने जुलाई 2023 में भारत का पहले एनीमल हॉस्पिटल मुंबई के महालक्ष्मी में खोला. उसमें ICU, HDUs, CT scans, X-rays और MRI आदि जैसी सुविधाएं हैं. इस अस्पताल में पालतू जानवरों को कई तरह के इलाज मिलते हैं.  रतन टाटा को अपने पालतू डॉग्स से इतना प्यार था कि 2018 में उन्होंने प्रिंस चार्ल्स का इवेंट भी छोड़ दिया, जहां उन्हें उनके परोपकारी कामों के लिए सम्मानित किया जाना था.  

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