डीएनए हिन्दी: महंगाई से आज पूरी दुनिया परेशान है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाना आज सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कई देश आज आर्थिक आराजकता के दौर से गुजर रहे हैं. आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियां हैं. इन चुनौतियों से निपटने का सबसे बड़ा जिम्मा आज रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पास है. हमारे सहयोगी चैनल जी बिजनस ने अर्थव्यवस्था से जुड़े तमाम मुद्दों पर आरबीआई के गर्वनर (RBI Governor) शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) से एक्सक्लुसिव बातचीत की है.
महंगाई के मुद्दे पर बातचीत करते हुए RBI गवर्नर ने कहा कि यह आज ग्लोबल मुद्दा है. पश्चिम के देश इससे ज्यादा प्रभावित हैं. हालांकि, भारत भी परेशान है. शक्तिकांत दास ने दावा किया कि भारत में महंगाई का पीक बन चुका है. अब धीरे-धीरे इसे कम होना है. आरबीआई के प्रयासों से खाने-पीने के चीजों में तेजी से कमी आई है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि अगले साल जून तक महंगाई काबू में आ जाएगा. जून तक इसके 5 फीसदी पहुंचने की उम्मीद है.
जब उनसे पूछा गया कि महंगाई में गिरावट आ रही है तो क्या ब्याज दरों में अब वृद्धि नहीं होगी? उन्होंने इस पर चुप्पी साध ली. उन्होंने कहा कि ब्याज दरों पर कोई अनुमान देना अभी संभव नहीं है. महंगाई कंट्रोल करना हमारी पहली प्राथमिकता है. इसके लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे.
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शक्तिकांत दास ने दावा किया कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का ग्रोथ पर मामूली असर रहने वाला है. बाकी दुनिया की तुलना में भारत की स्थिति मजबूत है. उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों में स्लोडाउन दिखने लगा है, लेकिन हमारी स्थिति अच्छी है. अभी अच्छे मानसून से एग्री सेक्टर में बेहतर उपज की उम्मीद है. इससे इकोनॉमी को बहुत सहारा मिलेगा. हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ उम्मीद से कम रही है.
RBI गवर्नर ने कहा कि हमारी पहली नजर बैंकों के क्रेडिट ग्रोथ पर है. बैंकों को आरबीआई समय-समय पर आगाह करता रहता है. ब्याज दर और डिपॉजिट दर में धीरे-धीरे अंतर अब कम हो रहा है.
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डिजिटल लेंडिंग पर भी उन्होंने कई बातें कहीं. उन्होंने कहा कि आरबीआई ने इसको लेकर कई तरह की गाइडलाइंस जारी की है. यह ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित होगा. उन्होंने कहा कि ग्राहकों को रजिस्टर्ड कंपनियों से ही लोन लेना चाहिए.
देश के घटते फॉरेक्स रिजर्व पर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत की स्थिति काफी मजबूत है. रुपये के स्थिर रखने में फॉरेक्स रिजर्व की अहम भूमिका है. दुनिया की दूसरी करेंसी के मुकाबले रुपये में कम गिरावट देखने को मिली है.
उन्होंने कहा कि भारत में आज बड़ा अवसर है. आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि मैं भारत की ग्रोथ के लेकर आश्वस्त हूं. दुनिया भर के निवेशकों के लिए यह बड़ा अवसर लेकर आने वाला है.
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