देश में थोक महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गई है, जो सितंबर में 1.84 थी. इसकी वजह फूड आइटम की कीमतें उच्च स्तर पर रहना है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, बीते महीने खाद्य उत्पादों की कीमतों में 13.57 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसकी वजह मानसून की देरी से वापसी के कारण फसलों को हुए नुकसान के बाद आलू और प्याज जैसी सब्जियां का महंगा होना है.
इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकान्त दास का भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर बयान आया है. उन्होंने कहा कि देश की इकॉनमी सुचारू तरीक से आगे बढ़ रही है. दास ने एक कार्यक्रम के दौरान देश की अर्थव्यवस्था आराम से आगे बढ़ रही है. इस दौरान जब उनसे रेपो रेट (Rapo Rate) घटाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (MPC) दिसंबर में होने वाली मीटिंग में इस पर उचित फैसला लेगी.
ब्याज दरों पर क्या बोले RBI गवर्नर
शक्तिकान्त दास का यह बयान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की उस टिप्पणी पर आया, जब उनसे पूछा गया कि ब्याज दरों में कब कटौती की जाएगी. इस पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब RBI गवर्नर देंगे. अगर दिसंबर महीने में रेपो रेट में कटौती की जाती है तो इससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी. उनका होम लोन की दरें कम हो जाएंगी.
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की इस टिप्पणी को लेकर केंद्र पर निशाना साधा कि दरों में कटौती का फैसला करने के लिए खाद्य मुद्रास्फीति पर विचार करना त्रुटिपूर्ण सिद्धांत है. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को केवल एक ही तरकीब आती है कि अगर डेटा उनके अनुकूल नहीं है तो डेटा को पूरी तरह बदल दिया जाए. विपक्षी पार्टी की यह टिप्पणी गोयल के इस बयान के बाद आई है कि RBI को निश्चित रूप से ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए.
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