डीएनए हिंदी: बुधवार को समाप्त हुई भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक को काफी अहम माना जा रहा था. जिसमें काफी अहम फैसले भी लिए गए. मई की शुरूआत में ऑफ साइकिल की मीटिंग में रेपो दरों में 0.40 फीसदी के इजाफे के बाद आज 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया गया. वहीं महंगाई के अनुमान में बढ़ोतरी आम लोगों को टेंशन में भी ला दिया है. साथ ही आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी ग्रोथ रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आरबीआई गवर्नर ने एमपीसी की बैठक के कौन कौन से ऐलान किए.
आरबीआई गवर्नर किए ये अहम ऐलान
- प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत किया गया. पांच सप्ताह में यह रेपो दर में दूसरी बढ़ोतरी है. रेपो दर अब भी महामारी-पूर्व के स्तर से नीचे.
- महंगाई पर काबू और वृद्धि को समर्थन के लिए केंद्रीय बैंक अपने उदार नीतिगत रुख को वापस लेने पर ध्यान देगा.
- चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति का अनुमान 5.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत किया गया.
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से खाद्य तेल कीमतों पर दबाव. हाल में कीमतों में कुछ कमी आई है.
- तनावपूर्ण वैश्विक स्थिति की वजह से घरेलू मुद्रास्फीति परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता.
- 2022-23 के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार.
- आर्थिक गतिविधियां रफ्तार पकड़ रही हैं. सामान्य मानसून से ग्रामीण खपत बढ़ेगी.
- क्रेडिट कार्ड को यूपीआई से जोड़ा जाएगा. रूपे क्रेडिट कार्ड पहले जुड़ेंगे.
- ग्रामीण सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र को कर्ज देने की अनुमति.
- शहरी सहकारी बैंक घर के दरवाजे पर बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध करा सकेंगे.
- इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से नियमित अंतराल पर जरूरी सेवाओं के लिये खुद-ब-खुद होने वाले भुगतान को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये किया गया.
एक दशक के बाद सहकारी हाउसिंग लोन लिमिट में इजाफा, आरबीआई ने किया दोगुना
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.