RBI: 'बैंकों को सतर्क रहने की चेतावनी', शक्तिकांत दास ने दी ग्लोबल चुनौतियों से निपटने की खास सलाह

| Updated: Oct 14, 2024, 03:40 PM IST

RBI Governor Shaktikanta Das

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों को गंभीर वैश्विक खतरों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या नई तकनीक और सोशल मीडिया इन चुनौतियों से निपटने में मदद करेंगे?

RBI Governor Shaktikanta Das: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने नई दिल्ली में एक हाई लेवल कॉन्फ्रेंस में बैंकों को सतर्क रहने की सलाह दी हैं. उन्होंने कहा कि बैंकों को मौजूदा वैश्विक चुनौतियों (Global Challenges) को ध्यान में रखते हुए काम करना होगा. उनका कहना है कि बैंकों को मौद्रिक नीति (Monetary Policy), वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) और नई तकनीक (New Technology) पर विशेष ध्यान देना चाहिए. ग्लोबल टेंशन की वजह से दुनिया के हालात तेजी से बदल रहे हैं. इससे बैंकों के कामकाज पर असर पड़ सकता है.

सोशल मीडिया पर सतर्कता की जरूरत
शक्तिकांत दास ने बैंकों को सोशल मीडिया (Social Media) के बढ़ते असर के बारे में भी सावधान किया है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली गलत जानकारी या अफवाहें (Misinformation or Rumors) बैंकों के लिए चुनौती बन सकती हैं. बैंकों को इसलिए सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि वे किसी भी प्रकार की गलत जानकारी का समय पर जवाब दे सकें.

नकदी का इंतजाम मजबूत रखें
RBI गवर्नर ने बैंकों से कहा कि वे अपने पास हमेशा पर्याप्त (Sufficient) नकदी (Liquidity) रखे, ताकि किसी भी समय जरूरत पड़ने पर काम आ सके. इससे अगर कोई मुश्किल या आपातकालीन स्थिति (Emergency Situation) पैदा होती है, तो बैंक उससे निपटने के लिए तैयार होंगे. लिक्विडिटी बफर मजबूत होने से बैंकों को अचानक नकदी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा.

रेमिटेंस और कैपिटल फ्लो को सुधारने की जरूरत
शक्तिकांत दास ने विदेश से आने वाले पैसों यानी रेमिटेंस को बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि रेमिटेंस बढ़ाने की गुंजाइश है. इससे देश की अर्थव्यवस्था (Economy) को लाभ होगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कैपिटल फ्लो यानी पैसों के आने-जाने में लगने वाला समय कम किया जा सकता है. इससे बैंकों को जल्दी फायदा मिलेगा और आर्थिक कामकाज की रफ्तार भी बढ़ेगी.


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मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता और नई तकनीक
RBI गवर्नर ने भविष्य में केंद्रीय बैंकिंग के तीन मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान देने की बात कही - मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता और नई तकनीक. उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में भविष्य में काफी बदलाव आ सकते हैं. केंद्रीय बैंकिंग को इन बदलावों के हिसाब से फिर से ढालना होगा.

वैश्विक निर्णयों का असर
शक्तिकांत दास ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व, बैंक ऑफ जापान और चीन के केंद्रीय बैंक के हालिया फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि इनका असर भारत सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था (Economy) पर पड़ सकता है. उन्होंने बताया कि RBI को इन अंतरराष्ट्रीय फैसलों (International Decisions) को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति (Strategy) बनानी होगी. इसके अलावा, शक्तिकांत दास ने इस बात पर जोर दिया कि ग्लोबल इकॉनमी के साझा खतरों और हितों को देखते हुए भारतीय केंद्रीय बैंक को अपने फैसले लेने होंगे.


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रेपो रेट पर फैसला
हाल ही में 9 अक्टूबर को RBI की मौद्रिक नीति की घोषणा हुई थी. इसमें रेपो रेट को स्थिर रखने का फैसला लिया गया. शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट को फिलहाल स्थिर रखने का मकसद देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति (Economic Situation) को मजबूत बनाए रखना है.

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