RBI MPC Meet: आरबीआई ने जीडीपी वृद्धि अनुमान में नहीं किया बदलाव, रेपो रेट अब प्री-कोविड लेवल से ऊपर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 05, 2022, 10:36 AM IST

RBI governor shaktikanta das

रेपो रेट में इजाफे (RBI Repo Rate Hike) का मतलब है कि बैंकों की रिटेल लोन यानी होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan) की ब्याज दरों में इजाफा हो जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले इस वित्त वर्ष 40 और 50 आधार अंकों का इजाफा कर चुका है.

डीएनए हिंदीः भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (RBI MPC) की बैठक आज समाप्त हो गई है. जिसमें रेपो दरों (RBI Repo Rate Hike) में 0.50 फीसदी का इजाफा कर दिया है. मौजूदा वित्त वर्ष में यह तीसरी बार है जब आरबीआई की नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा देखने को मिला है. इस इजाफे के बाद आरबीआई की रेपो दरें (RBI Repo Rate) 5.4 फीसदी पर आ गई है. स्थायी जमा सुविधा (SDF) को 5.15 फीसदी तक समायोजित कर दिया है. 

वहीं मौजूदा वित्त वर्ष में नीतिगत ब्याज दरों में 1.40 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. आरबीआई द्वारा 50 आधार अंकों के इजाफे बाद रेपो 5.40 फीसदी पर आ गए हैं, जो कि अगस्त 2019 के लेवल यानी प्री कोविड लेवल पर पहुंच गए हैं. इससे पहले आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई का वैश्वीकरण व्यापार के गैर-वैश्वीकरण के साथ मेल खाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था स्वाभाविक रूप से वैश्विक आर्थिक स्थिति से प्रभावित है.

 

 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 2022-23 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास अनुमान 7.2 फीसदी दर के साथ कोई बदलाव नहीं किया है. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 16.2 फीसदी, दूसरी तिमाही में 6.2 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.1 फीसदी और फोर्थ क्वार्टर में 4 फीसदी का अनुमान लगाया है. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी वृद्धि 6.7 फीसदी का अनुमान लगाया है.

 

 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में महंगाई 5 फीसदी रहने का अनुमान है.

रेपो रेट में इजाफे (RBI Repo Rate Hike) का मतलब है कि बैंकों की रिटेल लोन यानी होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) और ऑटो लोन (Auto Loan) की ब्याज दरों में इजाफा हो जाएगा. आपको बता दें कि इससे पहले इस वित्त वर्ष 40 और 50 आधार अंकों का इजाफा कर चुका है.  इसका मतलब है कि 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. जिस वजह से होम लोन और ऑटो लोन की ब्याज दरों में इजाफा देखने को मिल चुका है. 

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इससे पहले बुधवार को आई सर्वे रिपोर्ट में 27 अर्थशास्त्रियों में से 13 ने अनुमान लगाया था कि भारतीय रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति रेपो दरों में 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर सकता है. जो कि अगस्त 2019 में अंतिम बार देखा गया था. एक अर्थशास्त्री ने 40 आधार अंक बढ़ाने की भविष्यवाणी की थी. 9 इकोनॉमिस्ट ने 35 आधार अंकों की उम्मीद लगाई हुई थी. 

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