डीएनए हिंदी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई अनुमान अप्रैल में 5.7 प्रतिशत के अनुमान से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया. आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई का जोखिम बना रहता है और टमाटर की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी फूड इंफ्लेशन को बढ़ावा देगी. इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती महंगाई दर पर दबाव डालेंगी. आपको बता दें कि बीते चार महीनों से महंगाई दर आरबीआई के टॉलरेंस लेवल 6 फीसदी से ज्यादा देखने को मिल रही है. मुख्य रूप से रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण जिसने दुनिया भर में वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित किया है की वजह से इसमें इजाफा देखने को मिल रहा है.
तीसरी और चौथी तिमाही में कम होगी महंगाई
मॉनेटरी पॉलिसी में, दास ने चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया. इसने जून तिमाही में मुद्रास्फीति 7.5 और सितंबर तिमाही में 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया. दिसंबर तिमाही में मुद्रास्फीति घटकर 6.2 प्रतिशत और चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में और कम होकर 5.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है. दास ने कहा कि सामान्य दक्षिण-पश्चिम मानसून खरीफ बुवाई और कृषि उत्पादन को बढ़ावा देगा. हालांकि, वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति तरल बनी हुई है और कमोडिटी बाजार बढ़त पर बना हुआ है.
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पिछली बार क्या लगाया था अनुमान
आरबीआई ने अप्रैल में अपनी मौद्रिक नीति में, चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति को 5.7 प्रतिशत, पहली तिमाही में 6.3 प्रतिशत; दूसरी तिमाही में 5.8 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.1 प्रतिशत के साथ अनुमानित किया था. फ्यूल से लेकर सब्जियों और खाना पकाने के तेल तक सभी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने थोक मूल्य मुद्रास्फीति को अप्रैल में 15.08 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और खुदरा महंगाई आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई.
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जीडीपी को रखा बरकरार
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए शहरी मांग में सुधार और ग्रामीण भारत में धीरे-धीरे सुधार के पीछे अपने विकास अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा. चालू वित्त वर्ष के लिए तीसरी मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लचीली बनी हुई है, और केंद्रीय बैंक विकास का समर्थन करना जारी रखेगा. आरबीआई को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 16.2 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद है, जो चौथी तिमाही तक घटकर 4 प्रतिशत रह जाएगी.
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