RBI Repo Rate Hike: 6 फीसदी के करीब पहुंच सकता है रेपो रेट, पढ़ें क्या कह रहे हैं जानकार 

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 08, 2022, 03:55 PM IST

RBI

RBI Repo Rate Hike: आरबीआई की ओर से मार्च 2023 तक रेपो दरों को 6 फीसदी तक करने का अनुमान लगाया जा रहा है. 

डीएनए ​हिंदी: मुद्रास्फीति (Inflation in India) पर काबू के लिए रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) की आक्रामक टिप्पणी को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि केंद्रीय बैंक चालू वित्त वर्ष में नीतिगत दर रेपो में और बढ़ोतरी करेगा. मार्च तक रेपो दर महामारी-पूर्व के स्तर से अधिक होगी. इससे पहले दिन में रिजर्व बैंक की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने रेपो दर को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर 4.90 प्रतिशत (RBI Repo Rate Hike) कर दिया. हालांकि, एमपीसी ने नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में बदलाव नहीं किया है और उसका मुख्य ध्यान मुद्रास्फीति के प्रबंधन पर रहा है. रिजर्व बैंक ने इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को एक प्रतिशत बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है. 

HDFC Bank के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने रिजर्व बैंक की मौद्रिक घोषणा को आक्रामक करार दिया. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक इस समय महंगाई को लेकर अधिक चिंतित है. इसका संकेत महंगाई के अनुमान को बढ़ाए जाने से मिलता है. बरुआ ने कहा कि महंगाई को लेकर रिजर्व बैंक की चिंता को देखते हुए लगता है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक नीतिगत दर रेपो महामारी-पूर्व के स्तर से अधिक यानी छह प्रतिशत के पास होगी.  उन्होंने सीआरआर में बढ़ोतरी नहीं होने की वजह से बांड पर प्राप्ति बढ़ने की उम्मीद भी जताई.

India Ratings के प्रमुख अर्थशास्त्री सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि नीतिगत दरों में वृद्धि उम्मीद के अनुरूप है. लेकिन एमपीसी ने यह भी कहा है कि वह प्रोत्साहनों को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगी. इससे पहले चार मई को केंद्रीय बैंक ने बिना पूर्व-निर्धारित कार्यक्रम के रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की वृद्धि की थी. सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय बैंक इस साल के दौरान रेपो दर में चौथाई से आधा प्रतिशत की और वृद्धि कर सकता है. 

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ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने भी कहा कि नीतिगत दरें अभी और बढ़ेंगी. नायर ने कहा, ‘‘अगली दो मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में 0.35 और 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि हो सकती है.’ बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि केंद्रीय बैंक के नीतिगत रुख से संकेत मिलता है कि वृद्धि प्रक्रिया के लिए सबसे बड़ी चुनौती मुद्रास्फीति है. हालांकि, वृद्धि स्थिर रहेगी लेकिन मुद्रास्फीति का जल्द हल निकालना जरूरी है. 

Barclays India के राहुल बजोरिया ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाने तथा वृद्धि के अनुमान को कायम रखने से केंद्रीय बैंक की निर्णय प्रक्रिया के केंद्र में मुद्रास्फीति को रखने की मंशा का संकेत मिलता है. ब्रोकरेज कंपनी का अनुमान है कि दिसंबर तक नीतिगत दर 5.75 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. पहले इसके 5.15 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया था. 

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Crisil ने एक नोट में कहा है कि रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की और बढ़ोतरी करेगा. रेपो दर महामारी-पूर्व के स्तर से 0.50 प्रतिशत अधिक तक पहुंच सकती है. क्रिसिल ने कहा कि इससे चालू वित्त वर्ष में वृद्धि पर कोई असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि मौद्रिक नीति का प्रभाव बाद में दिखता है.

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