Reliance Jio ला सकता है 2025 में भारत का सबसे बड़ा IPO, रिपोर्ट का दावा

Written By मीना प्रजापति | Updated: Nov 04, 2024, 04:33 PM IST

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के IPO को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. Billionaire Mukesh Ambani के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज साल 2025 तक अपने टेलीकॉम बिजनेस जियो का आईपीओ लाने की तैयारी में है.

Reliance Jio IPO: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस जियो के IPO को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. Billionaire Mukesh Ambani के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज साल 2025 तक अपने टेलीकॉम बिजनेस जियो का आईपीओ लाने की तैयारी में है. रिलायंस जियो का आईपीओ 2025 तक आने की संभावना है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने टेलीकॉम बिजनेस को 2025 में लिस्ट कराने की तैयारी में है. विशेषज्ञों का अनुमान है कि आईपीओ का मूल्यांकन 100 बिलियन से अधिक है. यह सम्भवतः भारत का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है, जो इस वर्ष हुंडई इंडिया के रिकॉर्ड 3.3 बिलियन डॉलर के आईपीओ को पीछे छोड़ देगा.

रिपोर्ट के अनुसार,  रिलायंस जियो का आईपीओ 2025 में लॉन्च किया जाएगा, क्योंकि कंपनी का मानना है कि उसने 479 मिलियन ग्राहकों के मजबूत कारोबार और नियमित कमाई हासिल कर ली है, जिससे यह भारत का नंबर 1 टेलीकॉम खिलाड़ी बन गया है. आपको बता दें रिलायंस रिटेल का आईपीओ 2025 के बाद आएगा, क्योंकि कंपनी अभी अपने इंटरनल ट्रेड और संचालन संबंधी कुछ मुद्दों को हल करना चाहती है. हालांकि, रियालंस इंडस्ट्रीज ने इस पर कोई कमेंट नहीं किया है.  

Jio का संभावित मूल्यांकन क्या हो सकता है?
रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषकों द्वारा 100 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्यांकित कंपनी आईपीओ लॉन्च कर रही है, क्योंकि कंपनी का मानना ​​है कि कंपनी 479 मिलियन ग्राहकों के साथ भारत की शीर्ष दूरसंचार कंपनी बनकर एक स्थिर व्यवसाय और राजस्व स्ट्रीम हासिल किया है.  हालांकि, इसके मूल्यांकन पर अभी तक कोई आंतरिक निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन निवेश बैंक जेफरीज ने इस साल जुलाई में इसका मूल्यांकन 112 बिलियन डॉलर होने का अनुमान लगाया था.

यह तब हुआ जब अंबानी ने केकेआर, जनरल अटलांटिक और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे निवेशकों से अपने डिजिटल, टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस के लिए सामूहिक रूप से 25 बिलियन डॉलर जुटाए थे. यह डेवलपमेंट ऐसे समय में हुआ है जब रिलायंस जियो भारत में लॉन्च होने पर एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है. इससे पहले अंबानी ने अपने डिजिटल, टेलीकॉम और रिटेल बिजनेस के लिए केकेआर, जनरल अटलांटिक और अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी जैसे निवेशकों से सामूहिक रूप से 25 अरब डॉलर जुटाए थे.


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रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम और डिजिटल कारोबार का स्वामित्व रखने वाली कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 33% हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों के पास है, जिसने हाल के वर्षों में 17.84 बिलियन डॉलर जुटाए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 3,000 सुपरमार्केट का सबसे बड़ा किराना स्टोर नेटवर्क चलाने वाली रिलायंस रिटेल का आईपीओ 2025 के बाद आएगा, जिसमें रिटेल आर्म के भीतर 'ऑपरेशनल इशुज' का हवाला दिया गया है, जिन्हें रिलायंस पहले ठीक करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहता है. एक और कारण यह भी है कि एक ही समय में दो बड़े आईपीओ के साथ बाजार में नहीं उतरना है. इस साल अक्टूबर तक, 270 कंपनियों ने इस साल भारत में आईपीओ से 12.58 बिलियन डॉलर जुटाए थे, जो कि 2023 में जुटाए गए 7.42 बिलियन डॉलर से बहुत अधिक हैं. 

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