Retail Inflation : आम आदमी को मामूली राहत, फिर भी लगातार तीसरे महीने 7 फीसदी से ज्यादा खुदरा महंगाई

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 12, 2022, 06:39 PM IST

Retail Inflation: आंकड़ों के अनुसार जून के महीने में खुदरा महंगाई 7.01 फीसदी रही, जबकि मई के महीने में यह आंकड़ा 7.04 फीसदी का था. जबकि अप्रैल में खुदरा महंगाई 7.79 फीसदी थी जोकि 8 साल का हाई था.

डीएनए हिंदी: भारत में जून के महीने में लगातार तीसरे महीने खुदरा महंगाई (Retail Inflation) 7 फीसदी से ज्यादा देखने को मिली है. वैसे मई के मुकाबले खुदरा महंगाई में मामूली गिरावट देखने को मिली है. उसके बाद भी महंगाई का लेवल 7 फीसदी पर बना हुआ है. आंकड़ों के अनुसार जून के महीने में खुदरा महंगाई 7.01 फीसदी रही, जबकि मई के महीने में यह आंकड़ा 7.04 फीसदी का था. जबकि अप्रैल में खुदरा महंगाई 7.79 फीसदी थी जोकि 8 साल का हाई था. उपभोक्ता मूल्य-आधारित महंगाई (सीपीआई) ने लगातार छठे महीने आरबीआई (RBI) के टॉलरेंस बैंड की ऊपरी सीमा 2-6 फीसदी को पार लिया है. 

खाद्य कीमतों में मामूली नरमी ने खुदरा महंगाई को कुछ कम करने में मदद की. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून 2022 में फूड बास्केट में महंगाई 7.75 फीसदी देखने को मिली जो मई के महीने में 7.97 फीसदी देखने को मिली थी. महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती की और खाद्य निर्यात पर प्रतिबंध लगाया. अलग-अलग आंकड़ों से पता चला है कि मई 2022 में भारत का औद्योगिक उत्पादन 19.6 फीसदी बढ़ा. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के आंकड़ों के अनुसार मई 2022 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 20.6 फीसदी बढ़ा है.

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भारतीय रिजर्व बैंक या आरबीआई ने अपनी जून नीति समीक्षा में इस वित्तीय वर्ष के लिए अपने महंगाई अनुमान को पहले के 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया था. केंद्रीय बैंक को उम्मीद है कि वित्तीय वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में खुदरा महंगाई बैंक के ऊपरी सहिष्णुता बैंड से ऊपर रहेगी. मई में 40-बीपी की वृद्धि के बाद जून में बैंक की दरों में 50 आधार अंकों की वृद्धि हुई, ताकि बढ़ते मुद्रास्फीति के दबाव को व्यापक-आधारित होने से रोका जा सके.

बुधवार को भारत की खुदरा महंगाई रीडिंग और अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर निवेशकों की गहरी नजर है, क्योंकि महंगाई में वृद्धि केंद्रीय बैंकों को आक्रामक दर वृद्धि के रास्ते पर लेकर जाएगी. इससे पहले, एक रॉयटर्स पोल ने दिखाया था कि भारत की महंगाई इस वर्ष के बाकी दिनों में केंद्रीय बैंक के टॉलरंस बैंड के शीर्ष से ऊपर रहेगी, जिससे आने वाले महीनों में कई और ब्याज दरों में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. 

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कुछ चीनी शहरों में कोरोनोवायरस की वजह से लगने वाले शटडाउन के कारण दुनिया भर के बाजार थोड़े अस्थिर हो गए हैं, और पिछले सप्ताह अमेरिकी नौकरियों के आंकड़ों की अपेक्षा बेहतर है, जिसका अर्थ है कि फेडरल रिजर्व मौजूदा दरों में बढ़ोतरी के साथ आगे बढ़ेगा. शंघाई के वाणिज्यिक केंद्र सहित कई चीनी शहर इस सप्ताह से नए कोरोनोवायरस-संबंधी प्रतिबंधों को अपना रहे हैं ताकि अत्यधिक-संक्रामक ओमाइक्रोन सबवेरिएंट खोजने के बाद नए संक्रमणों पर लगाम लगाई जा सके.

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