डीएनए हिंदी: बढ़ते डॉलर इंडेकस (Dollar Index) और आर्थिक चिंताओं के कारण, भारतीय रुपया (Indian Rupee) सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक नए रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचा. रुपया शुक्रवार को अपने 79.25 के करीब की तुलना में 0436 जीएमटी तक 79.38/39 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा था. यूनिट ने पिछले सप्ताह अपने पिछले लाइफ लो 79.3750 को छुआ था. शुक्रवार को कुछ मुनाफावसूली के बाद, डॉलर इंडेक्स ने सोमवार की सुबह के सत्र में जोरदार वापसी की और मनोवैज्ञानिक 107 के लेवल को फिर से हासिल किया और 107.25 अंक पर पहुंच गया. आइए आपको भी बताते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से आम लोगों की जेब पर क्या असर पड़ता है.
रुपए के गिरने से आम जनता की जेब पर असर
Imported Goods की कीमत पर असर
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से विदेशी सामान महंगा हो जाता है. जो सामान बाहर से मंगाया जाता है उसके लिए भारत को ज्यादा डॉलर खर्च करने होंगे. जिसकी वजह से उनकी कीमत में उछाल देखने को मिलेगा. भारत में घड़ियां, जूते, परफ्यूम , कपड़े आदि इंपोर्टेड सामान का काफी क्रेज देखने को मिलता है.
विदेशों में पढ़ाई होगी महंगी
डॉलर के मुकाबले में रुपये में गिरावट आ जाने से भारत से विदेश में पढ़ाई करने वालों के लिए काफी परेशानी हो जाती है. दुनियाभर की यूनिर्वसटिीज में भारतीय स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को फीस से लेकर रहने तक के लिए ज्यादा डॉलर भेजने के लिए काफी रुपये खर्च करने होंगे.
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Fuel Price में होगा इजाफा
डॉलर महंगा होने से फ्यूल प्राइस में इजाफा हो जाता है. भारत अपने इस्तेमाल का 80 फीसदी डॉलर खर्च कर इंपोर्ट करता है. डॉलर जितना ज्यादा उठेगा भारत के लिए फ्यूल उतना ज्यादा महंगा होता जाएगा. भारत में पेट्रोल और डीजल देश के कई हिस्सों में 100 रुपये प्रति से ज्यादा बिक रहा है.
Public Transport Fare
डॉलर महंगा होने से फ्यूल के प्राइस में असर देखने को मिलता है जिसका असर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर साफ देखने को मिलता है. डीजल के दाम में इजाफा होने के बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट के फेयर में इजाफा आ जाता है. देश में आज भी कई हिस्सों में ट्रेनें डीजल से चल रही हैं.
फल सब्जियों के दाम में असर
अगर पब्लिक ट्रांसपोर्ट के दाम में इजाफा होगा तो आम जनता के इस्तेमाल होने वाले सामान की कीमत खासकर फल सब्जियों के दाम में इजाफा हो जाएगा. देश में फल और सब्जियों की कीमत पर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट को भी जोड़ा जाता है. जब ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट में इजाफा होता है तो फल और सब्जियों के साथ दूसरे सामानों में भी तेजी आ जाती है.
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