US Dollar के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत से देशवासी चिंतित, सर्वे में सामने आई चौंकाने वाली बातें

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 25, 2022, 01:14 PM IST

डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रही रुपये की कीमत

Devaluation of Indian Currency: लोकल सर्किल्स द्वारा किए गए सर्वे में चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं. सर्वे में हर 2 में से एक भारतवासी ने रुपये की गिरती कीमत को लेकर चिंता जताई है. लोगों का मानना है कि रुपये की गिरती कीमत का असर उनकी खर्चों पर पड़ रहा है.

डीएनए हिंदी: पिछले कई सालों से डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये (Devaluation of Indian Rupee) लगातार कमजोर होता जा रहा है. पिछले हफ्ते ही डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लुढ़क कर 80 के पार चला गया. अर्थशास्त्रियों की मानें तो निकट भविष्य में रुपया डॉलर के मुकाबले और ज्यादा गिर सकता है. रुपये में भारी गिरावट को देखते हुए, लोकलसर्किल ने अपने लेटेस्ट सर्वे के जरिए से लोगों की नब्ज को समझने का प्रयास किया है कि वे पिछले 15 वर्षों में आर्थिक दृष्टि से भारत के प्रदर्शन को कैसे देखते हैं. सर्वे में यह भी जानने की कोशिश की गई है कि भारतवासी रुपये के लगातार कमजोर पड़ने से कितना चिंतित हैं.

Local Circles द्वारा किए गए सर्वे में देश के 328 से अधिक जिलों में स्थित नागरिकों से 34,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. इनमें से  65%  पुरुष थे जबकि 35% महिलाएं. सर्वे पर प्रतिक्रिया देने वालों में 43% टियर 1 शहरों, 34% टियर 2 शहरों,  23% टियर 3, 4  और ग्रामीण जिलों से थे. सर्वे के रिजल्ट के अनुसार, 2007 में 38 रुपये प्रति डॉलर से 2022 में 80 रुपये प्रति डॉलर तक भारी मूल्यह्रास को देखते हुए हर 2 में से 1 भारतीय का मानना है कि भारत ने आर्थिक दृष्टि से खराब प्रदर्शन किया है. सर्वे में इस सवाल पर 11,207 प्रतिक्रियाएं मिलीं.

पढ़ें- Rupee Vs Dollar: रुपया हुआ धराशायी, जानें क्या होगा आपकी जेब पर असर

Local Circles द्वार पूछे गए एक अन्य सवाल का उत्तर देने वाले 10,778 लोगों में से 76% ने चिंता व्यक्त की कि वे और उनका परिवार अगले पांच वर्षों में कम खर्च वहन करने में सक्षम होंगे. लोगों का मानना है कि हाई इंपोर्ट कॉस्ट का प्रभाव पेट्रोल-डीजल से लेकर तमाम उत्पादों के अलावा विदेशी शिभा में भी दिखाई देगा. सर्वे में हिस्सा लेने वाले सिर्फ 18 फीसदी लोगों का मानना था कि रुपये की गिरती कीमत उनके परिवार के ऊपर कोई असर नहीं डालेगी.

Local Circles के सर्वे में 52% लोग हाई ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट और खाना पकाने के ईंधन की लागत, आवश्यक उत्पादों और सेवाओं की लागत की वजह से खुद पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद करते हैं. लगातार गिरती रुपये की कीमत की वजह से 52% लोगों का मानना है कि वस्तुओं और सेवाओं की लागत अधिक होगी, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा और दवाएं. सर्वे में 44% लोग बढ़ते विदेशी यात्रा किराए को लेकर चिंतित हैं. 24% लोगों ने अपने बच्चों/पोते-पोतियों के लिए विदेश में शिक्षा योजनाओं पर प्रभाव का डर जताया है.

पढ़ें- Dollar Vs Rupee : 75 सालों में अब तक 19 गुना बढ़ा डॉलर, Indian Currency में इतनी गिरावट हुई दर्ज

क्यों गिर रहा भारतीय रुपया?

 RBI और केंद्र सरकार द्वारा कई कदम उठाए जाने के बावजूद डॉलर के मुकाबले लगातार लुढ़कते रुपये के पीछे कई फैक्टर हैं. इनमें एक बड़ी वजह विदेशी निवेश का बड़ी तादाद में भारत से बाहर जाना. आधिकारिक अनुमान है कि वित्त वर्ष 2012 की शुरुआत और 15 जुलाई के बीच लगभग 31.5 अरब डॉलर निकाले गए थे. RBI ने विदेशी मुद्रा की डिमांड को कर करने के लिए आयात और निर्यात में भारतीय रुपये में सेटलमेंट को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Rupee Vs US dollar History of The US Dollar