डीएनए हिंदी: सऊदी अरब ने अगले महीने से कच्चे तेल की कीमत में भारी कटौती करने का ऐलान किया है. सऊदी की सबसे बड़ी तेल कंपनी अरामको ने कहा कि वह एशिया में अपने फ्लैगशिप अरब लाइट कच्चे तेल की कीमत 2 डॉलर प्रति बैरल घटा रही है. 27 महीने पर यह पहली बार है जब सऊदी अरब ने कच्चे तेल की कीमत इतनी घटाई है. इससे पहले दिसंबर 2023 में अरामको ने 1.5 डॉल प्रति बैरल की कटौती की घोषणा की थी.
सऊदी अरब के इस कदम से भारत समेत तमाम एशियाई देशों को फायदा होगा. सऊदी के लिए एशिया बड़ा बाजार है. चीन और भारत दो ऐसे देश हैं जो सऊदी से सबसे ज्यादा तेल खरीदते हैं. अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए सऊदी ने यह कदम उठाया है. क्योंकि अमेरिका के साथ-साथ गैर ओपेक देश ब्राजील और मैक्सिको ने अपना तेल उत्पादन बढ़ा दिया था जिससे कच्चे तेल की कीमतें होने लगी थी.
सऊदी ने तेल के दाम क्यों किए कम?
रूस ने भी कच्चे तेल की कीमतें कम कर दी थीं. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद पश्चिम देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिए थे. इसकी वजह से देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया था. हालात के देखते हुए रूस ने भारत और चीन को रियायती दरों पर कच्चा तेल ऑफर कर दिया. भारत युद्ध से पहले रूस से कुल तेल का मात्र 1 प्रतिशत तेल खरीदता था. लेकिन सस्ता ऑफर मिलने के बाद भारत ने रूस से ताबड़तोड़ तेल खरीदना शुरू कर दिया.
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आज आलम यह का भारत रूस से सबसे ज्यादा तेल खरीदने वाला देश बन गया. जितना तेल भारत सऊदी अरब से खरीदता था वो अब रूस से खरीदता है. वहीं चीन भी रूस से भारी मात्रा में तेल आयात करने लगा है. अपने सबसे बड़े ग्राहकों को खिसकता देखते हुए सऊदी अरब ने तेल की कीमतें कम करने का फैसला किया है. ताकि उसके पुराने सबसे बड़े खरीददार रहे भारत और चीन उससे फिर तेल खरीदें.
लोकसभा चुनाव से पहले घटेंगे पेट्रोल-डीजल के रेट?
अगर भारत, सऊदी अरब से फिर से तेल खरीदने शुरू कर देता है तो उम्मीद की जा रही है कि यहां पेट्रोल और डीजल की कीमतें घट सकती हैं. फिलहाल ब्रेंट क्रूड ऑयल 77.13 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. भारतीय तेल कंपनियां सऊदी अरब से कच्चा तेल ज्यादा आयात करती हैं तो लोकसभा चुनाव से पहले पेट्रोल डीजल कीमतें कम होने की संभावनाएं बढ़ जाएगी.
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