Aramco IPO: सऊदी अरामको बेचेगी 50 अरब डॉलर की हिस्सेदारी, दुनिया में अबतक की सबसे बड़ी स्टॉक ऑफरिंग

मनीष कुमार | Updated:Sep 03, 2023, 08:04 AM IST

Aramco IPO: दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोलियम और नैचुरल गैस कंपनियों में से एक सऊदी अरामको जल्द ही अपना सबसे बड़ा IPO एक बार फिर लेकर आ सकती है, पढ़ें क्या है मामला.

डीएनए हिंदी: दुनिया की सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनियों में से एक, सऊदी अरामको, 50 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य की हिस्सेदारी बेचने के उद्देश्य से रियाद एक्सचेंज पर शेयर पेश करने के बारे में सोच रही है. यदि ऐसा हुआ तो यह इतिहास में सबसे बड़ी स्टॉक ऑफरिंग होगी. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी साल खत्म होने से पहले इसे पूरा कर सकती है. अन्य बहुराष्ट्रीय तेल कंपनियां और सॉवरेन वेल्थ फंड जैसे संभावित निवेशक दोनों इस सौदे में अरामको के प्रतिभागियों की सूची में हैं.

क्या कहती है रिपोर्ट?
रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय लिस्टिंग से जुड़े कानूनी जोखिमों से बचने के लिए किंगडम ने रियाद एक्सचेंज पर अरामको की किसी भी नई ऑफरिंग की मेजबानी करने का फैसला किया है. हालांकि सऊदी अरब ने भी पिछले साल अरामको के शेयर बेचने का प्लान किया था, लेकिन उस समय बाजार की सुस्त स्थितियों के कारण यह विचार टाल दिया गया था.

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2.25 ट्रिलियन डॉलर है कंपनी की मार्केट वैल्यू
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने जनवरी 2021 में घोषणा की कि सऊदी अरामको अतिरिक्त शेयर बेचेगी. इन बिक्री से जुटाए गए धन का उपयोग देश के सॉवरेन वेल्थ फंड का विस्तार करने के लिए किया जाएगा. 2.25 ट्रिलियन डॉलर के बाजार मूल्य के साथ, सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी है. सिर्फ इसी साल में इसके शेयरों में 19 फीसदी का इजाफा हुआ है. कंपनी ने 2019 में सबसे बड़ा आईपीओ ऑफर किया था जिसके जरिए कुल 29.4 बिलियन डॉलर जुटाए गए थे.

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अरामको पर निर्भर है सऊदी अरब
यह तेल कंपनी काफी हद तक सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था की रीढ है. सरकार को अपने राजस्व का एक बड़ा हिस्सा अरामको से प्राप्त होता है. ऊर्जा की गिरती कीमतों और उत्पादन में कटौती के कारण तिमाही लाभ में 38 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करने के बाद, कंपनी ने पिछले महीने अपने डिविडेंट को को आधे से ज्यादा बढ़ा दिया. हालांकि, सऊदी अरब अंतरिम रूप से अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने का भी प्रयास कर रहा है. देश ने तेल से दूर अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के प्रयास में पिछले साल नए उद्योगों पर लगभग 32 बिलियन डॉलर खर्च किए थे.
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