'ICICI बैंक के साथ नहीं हुई कोई डील', SEBI चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच

Written By रईश खान | Updated: Sep 13, 2024, 04:51 PM IST

madhabi puri buch

SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि हमारे ऊपर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह गलत, दुर्भावनापूर्ण और मानहानि करने वाले हैं. हमने सेबी के सभी नियमों का अनुपालन किया है.

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद SEBI चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच का पहली बार रिएक्शन आया है. उन्होंने अपने पति धवल बुच के साथ संयुक्त बयान जारी करते हुए अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में  ICICI ग्रुप की किसी भी कंपनी के साथ कोई लेन-देन नहीं किया गया. SEBI की साख और विश्वसनीयता पर बार-बार सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ तत्य हमारे खिलाफ दुष्प्रचार कैंपेन चला रहे हैं, जो न केवल दुर्भावनापूर्ण है, बल्कि सभी आरोप निराधार हैं.

बुच ने अनियमितता बरतने और हितों के टकराव को लेकर कांग्रेस की तरफ से लगाए गए आरोपों से शुक्रवार को इनकार करते हुए कहा कि ये आरोप 'गलत, प्रेरित और मानहानिकारक' हैं. उन्होंने कहा कि कहा कि कांग्रेस की तरफ से लगाए गए आरोप उनके द्वारा दाखिल आयकर रिटर्न में दर्ज डिटेल पर आधारित हैं. बुच ने कहा कि फाइनेंशियल मामले से जुड़ी सभी सूचनाओं का उनकी तरफ से पूरी तरह खुलासा किया गया है और टैक्स का उचित भुगतान भी किया गया है. 

सेबी प्रमुख ने अपने बयान में कहा, 'हमारे आयकर रिटर्न से जुड़े विवरण स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी वाले तरीकों और अवैध ढंग से हासिल किए गए हैं. यह न केवल हमारी गोपनीयता के अधिकार (जो एक मौलिक अधिकार है) का स्पष्ट उल्लंघन है, बल्कि आयकर अधिनियम का भी उल्लंघन है.


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रेंटल प्रॉपर्टी का SEBI जांच से कोई मतलब नहीं
माधवी पुरी बुच और धवल बुच प्रॉपर्टी से रेंटल इनकम पर उठाए गए सवाल पर कहा कि यह प्रॉपर्टी सामान्य रूप से किराए पर दी गई थी. जबकि आरोप लगाया कि इसमें सेबी की भूमिका रही थी. उन्होंने कहा कि ये तथ्य आधारहीन और झूठे हैं.  यह रेंटल इनकम पूरी तरह से मार्केट के अनुसार थी. इसका SEBI की जांच से कोई लेना देना नहीं था.

कांग्रेस ने किया लगाया था आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि धवल बुच ने महिंद्रा समूह से 4.78 करोड़ रुपये उस समय अर्जित किए जब SEBI नियमों के उल्लंघन को लेकर उस कंपनी के खिलाफ जांच कर रहा था. बयान में कहा गया कि माधबी पुरी बुच ने सेबी से जुड़ने के बाद किसी भी स्तर पर अगोरा एडवाइजरी, अगोरा पार्टनर्स, महिंद्रा समूह, पिडिलाइट, डॉ रेड्डीज, अल्वारेज़ एंड मार्सल, सेम्बकॉर्प, विसु लीजिंग या ICICI बैंक से जुड़ी किसी भी फाइल को कभी नहीं निपटाया. 

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