डीएनए हिंदी: सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स (Income Tax) में कई बेनिफिट दिए गए हैं. जिनके बारे में सीनियर सिटीजंस को भी ज्यादा जानकारी नहीं होती है, जिनका वो आसानी से बेनिफिट ले सकते हैं. टैक्स बेनिफिट (Income Tax Benefits for Senior Citizens) के अलावा इनकम टैक्स ई-फाइलिंग (Income Tax E-Filing) की प्रोसेस को भी विशेष रूप से उनके लिए हैजल फ्री बनाया गया है. आइए आपको भी बताते हैं सीनियर सिटीजंस के लिए इनकम टैक्स के तहत किस तरह के बेनिफिट हैं.
विभिन्न टैक्स-स्लैब दरें
सीनियर सिटीजंस के लिए इनकम टैक्स की दरें नॉन-सीनियर सिटीजन की तुलना में भिन्न हैं.
टैक्सपेयर्स |
टैक्स फ्री |
5 फीसदी टैक्स |
नॉन सीनियर सिटीजन |
2.5 लाख तक |
2.5 लाख से 5 लाख तक |
सीनियर सिटीजन |
3 लाख तक |
3 लाख से 5 लाख तक |
टैक्सपेयर्स |
टैक्स फ्री |
5 फीसदी टैक्स |
सुपर सीनियर सिटीजन |
5 लाख तक |
नॉट एप्लीकेबल |
50,000 रुपये तक ब्याज आय में छूट
सीएजी इंफोटेक के एमडी सीए अमित गुप्ता के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 से धारा 80टीटीबी के तहत 50,000 रुपये के ब्याज आय पर टैक्स पर छूट मिलती है. 50,000 रुपये से अधिक अर्जित राशि पर सीनियर सिटीजन के लिए विशेष रूप से तैयार की गई स्लैब दरों के अनुसार टैक्स लगाया जाएगा. ऐसे मामलों में सेविंग अकाउंट पर ब्याज के लिए 10,000 रुपये तक की कमाई पर धारा 80टीटीए के तहत टैक्स से राहत नही मिलेगी.
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मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान के लिए धारा 80डी के तहत छूट
धारा 80डी नॉन—सीनियर सिटीजन को मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान पर 25,000 रुपये की छूट मिलती है. वहीं सीनियर सिटीजन के लिए यह छूट 50 हजार रुपये तक की है. यह सीमा पहले 30,000 रुपये थी, लेकिन बजट 2018 में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. इसके अलावा, धारा 80डी न केवल मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान के लिए, बल्कि सुपर सीनियर सिटीजंस द्वारा इलाज पर किए गए वास्तविक खर्च के लिए भी टैक्स में राहत मिलती है.
ब्याज पर टीडीएस न कटना
यदि किसी सीनियर सिटीजन की कुल आय को आयकर से छूट दी गई है और उस वित्तीय वर्ष के लिए उसके द्वारा शून्य कर देय है, तो वह फिक्स्ड डिपोजिट पर ब्याज पर टीडीएस की कटौती न करने के लिए फॉर्म 15एच जमा कर सकता है. इसके अलावा बजट 2018 के माध्यम से किए गए संशोधनों के साथ, सीनियर सिटीजन के लिए धारा 194ए के तहत कर कटौती की सीमा भी 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी गई है.
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स्पेसिफाइड बीमारी के लिए धारा 80डीडीबी के तहत राहत
धारा 80डीडीबी स्पेसिफाइड बीमारियों के मेडिकल ट्रीटमेंट पर खर्च के मामले में टैक्सपेयर्स को टैक्स डिडक्शन में राहत देती है. सीनियर सिटीजंस के लिए पहले स्वीकृत कटौती 60,000 रुपये थी, लेकिन बजट 2018 ने इसे बढ़ाकर 1,00,000 लाख रुपये कर दिया.
एडवांस टैक्स के भुगतान की आवश्यकता नहीं है
बिना किसी व्यावसायिक आय के सीनियर सिटीजंस को एडवांस टैक्स भुगतान से छूट दी गई है और उन्हें केवल अपनी कुल आय पर सेल्फ असेसमेंट टैक्स का भुगतान करना होगा.
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रिवर्स मॉर्टगेज स्कीम के तहत मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं
रिवर्स मॉर्टगेज स्कीम के साथ, सीनियर सिटीजंस को अपने घर को जीवन भर के लिए गिरवी रखकर नियमित भुगतान मिलता है जबकि स्वामित्व और कब्जा सीनियर सिटीजंस के पास रहता है. इस स्कीम के तहत, उधारकर्ता की मृत्यु पर, संपत्ति की बिक्री के माध्यम से अर्जित ब्याज के साथ लोन चुकाया जाता है और बिक्री पर प्राप्त शेष राशि कानूनी उत्तराधिकारियों को ट्रांसफर कर दी जाती है. इस स्कीम के तहत सीनियर सिटीजंस को किश्तों में भुगतान की गई राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है.
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