Silicon Valley Bank crisis: इंटरनेशनल ट्रांसफर हुआ डिसएबल, स्टार्टअप फाउंडर्स को हो रही परेशानी

नेहा दुबे | Updated:Mar 14, 2023, 07:17 AM IST

Silicon Valley Bank Crisis

Silicon Valley Bank Crisis: सिलिकॉन वैली बैंक डिफॉल्टर घोषित हो गया है. इसने बड़े-बड़े स्टार्टअप में निवेश किया है.

डीएनए हिंदी: अगर आप स्टार्टअप की दुनिया से वाकिफ रखते हैं तो आपको पता ही होगा कि इसमें कितनी मुश्किलें आती हैं. इसके लिए स्टार्टअप कम्पनीज के फाउंडर फण्ड भी रेज करते है. लेकिन स्टार्टअप के फाउंडर्स शुक्रवार की रात से ही मुश्किल में हैं, जब उनके डिफॉल्ट बैंकिंग पार्टनर सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को यूएस फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (US Federal Deposit Insurance Corporation-FDIC) की रिसीवरशिप के तहत रखा गया था. जबकि कुछ कंपनियां एसवीबी (SVB) की संपत्तियों को जब्त किए जाने से पहले अपने धन को बाहर ले जा सकती थीं. हालांकि अमेरिकी रेगुलेटर ने घोषणा की कि जब तक सोमवार दोपहर तक बैंक लॉन्ग-इन होने के बाद फिर से बैंक एक्टिव नहीं हो जाता है तब तक सभी जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित रहेंगे.

जैसे ही सोमवार को अमेरिका में बाजार का समय हुआ, भारत में संस्थापक समूहों ने एसवीबी वेबसाइट की पहुंच और खाता लॉग-इन की स्थिति पर सवालों की झड़ी लगा दी. जबकि कुछ संस्थापक अमेरिका में अन्य बैंक खातों में सफलतापूर्वक पैसा भेज सकते हैं, कई लोगों ने पिछले सप्ताह के अपने रिक्वेस्ट को पहले ही रद्द कर दिया था. एसवीबी ने अपने जमाकर्ताओं को सूचित किया कि "सभी पेंडिंग पड़े लेन-देन जिन्हें प्रोसेस नहीं किया गया है, और गुरुवार (9 मार्च) सहित प्रोसेस नहीं किया जाएगा. पहले से शुरू किए गए लेन-देन को प्रोसेस करने के इच्छुक ग्राहकों को उन अनुरोधों को फिर से जमा करना होगा."

कुछ संस्थापक आज लॉग इन कर सकते हैं और ट्रांसफर शुरू कर सकते हैं, जबकि अमेरिका के बाहर कुछ अन्य तकनीकी गड़बड़ियों का सामना कर रहे हैं. एसवीबी ने अभी के लिए इंटरनेशनल ट्रांसफर को डिसएबल कर दिया है. SVB ने वेबसाइट पर यूजर्स को सचेत किया "जबकि यूएसडी वायर ट्रांसफर और बिल पे संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर उपलब्ध हैं." इसमें कहा गया है, "वायर ट्रांसफर जो 9 मार्च, 2023 के बाद शुरू किए गए थे, जिन्हें पूर्ण या भेजे गए के रूप में चिह्नित नहीं किया गया है, उन्हें फिर से शुरू करने की आवश्यकता होगी."

भारत में कुछ संस्थापकों ने अमेरिका के बाहर फण्ड ट्रांसफर करने के लिए इसे बायपास करने का एक तरीका निकाला है. सूत्रों के मुताबिक "आप यूएस में दूसरे [बैंक] खाते में ट्रांसफर कर सकते हैं और इसका इस्तेमाल भारत में इंटरनेशनल वायर ट्रांसफर करने के लिए कर सकते हैं." कई स्टार्टअप इन चार अमेरिकी बैंकों - मर्करी (Mercury), ब्रेक्स (Brex), चेस (Chase) या बोफा (BoFa) में से किसी एक में जा रहे हैं, जिसमें मर्करी सबसे लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभर रहा है." 

एक संस्थापक ने हालांकि साझा किया कि भले ही मर्करी खाता एक विकल्प के रूप में बना सकता है, "सभी टियर 1 बैंक प्रक्रियाएं अभी भी अटकी हुई हैं." इसमें जोड़ें, मर्करी भारत में ट्रांसफर पर 1 प्रतिशत विदेशी मुद्रा शुल्क भी लेता है.

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