डीएनए हिंदी: इंस्टाग्राम (Instagram) यूट्यूब (YouTube) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि कई लोगों के लिए आय का स्रोत भी हैं. सभी उम्र के इन्फ्लुएंसर, यहां तक कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे (नाबालिग) भी, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से अच्छी कमाई करते हैं. सोशल मीडिया से कमाई पूरी तरह से व्यूज, फॉलोअर्स की संख्या, सब्सक्राइबर्स की संख्या, वीडियो की इंगेजमेंट, चैनल के टॉपिक और ट्रैफिक सोर्स आदि पर निर्भर करती है और इनमें से किसी भी माध्यम से अर्जित किया गया इनकम टैक्स के दायरे में आता है.
अब ये सब सुनने के बाद मन में सवाल आ रहा होगा कि क्या इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर चाइल्ड इन्फ्लुएंसर्स को टैक्स देना पड़ता है और अगर हां तो कैसे? हम बता दें कि हां टैक्स देना पड़ता है. 2,50,000 से ज्यादा की कमाई करने वाले चाइल्ड इन्फ्लुएंसर्स को टैक्स देना अनिवार्य है. हालांकि इसमें भी दो अलग-अलग नियम हैं नाबालिगों पर लागू होते हैं.
बिना कमाया हुआ पैसा
अगर बच्चे ने पैसे नहीं कमाए हैं. यानी परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों या दोस्तों, आदि से उपहार के रूप में धन से होने वाली आय; बचत बैंक खातों, सावधि जमा या माता-पिता द्वारा बच्चे के नाम पर किए गए अन्य निवेशों के माध्यम से अर्जित ब्याज भी. इस प्रकार की आय को माता-पिता की आय के साथ जोड़ा जाता है और कर लगाया जाता है.
अगर माता-पिता दोनों कामकाजी पेशेवर हैं, तो नाबालिग की आय को माता-पिता की आय के साथ जोड़ दिया जाता है. हालांकि नाबालिगों की आय पर माता-पिता को अधिकतम दो बच्चों के लिए प्रति वर्ष 1,500 रुपये प्रति वर्ष कर में छूट मिलती है. इस दौरान माता-पिता अपने स्वयं के करों के साथ नाबालिग की आय के लिए कर का भुगतान करेंगे.
कमाई पर टैक्स
कौशल, प्रतिभा और व्यक्तिगत कार्य से होने वाली आय को अर्जित आय माना जाता है. इंस्टाग्राम और यूट्यूब इन्फ्लुएंसर्स की कमाई इसी दायरे में आती है और उसी हिसाब से टैक्स लगता है.
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