डीएनए हिंदी: करंट फाइनेंशियल ईयर के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) या एसजीबी स्कीम की पहली किश्त आज सब्सक्रिप्शन के लिए ओपन हो गई है. इश्यू प्राइस 5,091 रुपये प्रति ग्राम सोने पर तय किया गया है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2022-23 (Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23) सीरीज I 24 जून, 2022 तक जारी रहेगा. ऑनलाइन आवेदन करने और ऑनलाइन भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. ऐसे निवेशकों के लिए इश्यू प्राइस (Sovereign Gold Bond Scheme Issue Price) 5,041 रुपये प्रति ग्राम होगा. गोल्ड बांड जारी करने की तारीख 28 जून, 2022 रखी गई है. वायदा बाजार में, सोने की कीमतें 50866 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रही थीं. सॉवरेन गोल्ड बांड की दूसरी किश्त (2022-23 सीरीज II) 22-26 अगस्त, 2022 के दौरान सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध होगी.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के बारे में जाने 10 प्रमुख बातें
1) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड आठ साल में मेच्योर होते हैं, जिसमें पांचवें साल के बाद समय से पहले रिडेम्पशन का आॅप्शन होता है.
2) निवेशकों को सॉवरेन गोल्ड बांड पर प्रति वर्ष 2.5 फीसदी का रिटर्न मिलता है.
3) इस स्कीम में मिनिमम एक ग्राम सोने में निवेश करना होता है. आरबीआई भारत सरकार की ओर से बांड जारी करता है.
4) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना 2015 में फिजिकल गोल्ड की मांग को कम करने और घरेलू बचत का एक हिस्सा - सोने की खरीद के लिए इस्तेमाल - वित्तीय बचत में ट्रांसफर करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी.
5) 2021-22 और 2020-21 के दौरान, दो कोविड -प्रभावित वित्तीय वर्षों में, निवेशकों ने कुल 29,040 करोड़ रुपये की राशि के लिए बांड खरीदे.
6) नॉन-फिजिकल सोने में निवेश, डिजिटल गोल्ड स्टोरेज कॉस्ट को पूरी तरह से खत्म करता है.
7) अप्रैल में सोने के दाम हाई पर पहुंचे के बाद अमेरिकी डॉलर में तेजी के कारण सोने की कीमतें ठंडी हो गई हैं. मौजूदा समय में डॉलर इंडेक्स 20 साल के हाई पर है, जिसकी वजह से दाम में गिरावट और भी देखने को मिल सकती है.
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8) इन बांड का कारोबार एक्सचेंजों पर किया जाता है, जो रिडेंप्शन का एक और मार्ग प्रदान करता है लेकिन तरलता आमतौर पर कम होती है.
9) मैच्योरिटी पर गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेंस अगर है तो टैक्स फ्री होता है, यह गोल्ड बॉन्ड पर उपलब्ध एक विशेष लाभ है.
10) लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से प्राप्त सेकंडरी सेल और ब्याज आयकर के दायरे में आता है. सॉवरेन गोल्ड बांड का उपयोग बैंकों से लोन लेने में कॉलेटरल के रूप में किया जा सकता है.
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