AGR मामले में टेलीकॉम कम्पनियों को नहीं मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत, Vodafone Idea के शेयर में भारी गिरावट

| Updated: Sep 19, 2024, 03:30 PM IST

Supreme Court

एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में आज सूप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका दिया है. इस फैसले के बाद सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को वोडाफोन आइडिया VI और भारती एयरटेल समेत कई अन्य टेलीकॉम कंपनियों की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) कैलकुलेशन से संबंधित याचिकाओं को खारिज कर दिया है. इस फैसले के बाद वोडाफोन आइडिया के शेयरों में लगभग 15 फीसदी तक गिरावट देखी गई, वहीं भारती एयरटेल के शेयर में भारी उछाल देखा गया है. 

रिव्यू पीटिशन फिर से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की 

23 जुलाई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया के साथ भारती एयरटेल के एजीआर मामले की याचिका को खारिज कर दिया था.  टेलीकॉम कंपनियों ने अपनी अर्जियों में बताया था कि दूरसंचार विभाग की एजीआर बकाया की गणना में गंभीर त्रुटियां हैं. इन गलतियों में सुधार होना चाहिए. जिसके बाद वोडाफोन आइडिया ने रिव्यू पीटिशन दाखिल किया था. इस रिव्यू पीटिशन को एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.

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क्या होता है एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR)? 
दरअसल, दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों से कुछ यूजेज और लाइसेंसिंग फीस लेता है. इसे ही एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) कहा जाता है.

किन कंपनियों पर हो सकता है बड़ा असर 
एयरटेल और VI ने पिछले वर्ष सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि उनकी याचिकाओं की सुनवाई  खुले न्यायालय में हो, जिसमें वे दूरसंचार मंत्रालय द्वारा AGR बकाए की गणना में हुई गलतियों  को ठीक करने की कोशिश कर रहे थे. सितंबर 2020 में, सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को केंद्रीय सरकार के बकाया AGR दावों को चुकाने के लिए 10 वर्षों का समय दिया था. जिसमें हर साल 10 प्रतिशत भुगतान करने की बात की गई थी.अब  सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का उन कंपनियों पर गंभीर असर पड़ेगा जिनकी बकाया राशि बहुत ज्यादा है. आपको बता दें कि वोडाफोन इंडिया लिमिटेड इनमें सबसे ऊपर है. इस फैसले के बाद सरकार को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा.

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