Tata Group बनाएगा जेवर इंटरनेशन एयरपोर्ट, दिग्गज कंपनियों को पछाड़ हासिल किया टेंडर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Jun 03, 2022, 04:25 PM IST

नोएडा के जेवर में देश का सबसे बड़ा इंटरनेशन एयरपोर्ट बन रहा है जिसका टेंडर Tata Group को दिया गया है.

डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में बन रहा जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है. मोदी और योगी दोनों ही सरकारों का ही ये ड्रीम प्रोजेक्ट है और अब इस प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट देश के प्रतिष्ठित बिजनेस ग्रुप टाटा ग्रुप (Tata Group) को दिया है.  खास बात यह है कि प्रयागराज एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका भी हाल ही में टाटा समूह को मिला था. 

Tata Group को मिला टेंडर 

दरअसल, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी गई है कि टाटा ग्रुप ही अब इस एयरपोर्ट को बनाएगा. ध्यान देने वाली बात यह है कि इस ठेके को हासिल करने की रेस में एलएंडटी और शापूरजी पलोनजी जैसी दिग्गज कंपनियां भी शामिल थीं लेकिन तय मानदंडों के आधार पर टाटा प्रोजेक्ट्स को सबसे अधिक स्कोर दिया गया और उसे ठेका मिल गया.

क्या बनाएगा टाटा ग्रुप

स्विटजरलैंड की कंपनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी को जेवर एयरपोर्ट के डेवलपमेंट का ठेका मिला है. YIAPL इसी स्विस कंपनी की 100 फीसदी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है. इसे जेवर हवाई अड्डे के विकास के लिए एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी (एसपीवी) बनाया गया है.

वहीं अब इस कंपनी ने जेवर एयरपोर्ट को बनाने के लिए Tata Group को अपना सहयोगी बनाया है. वाईआईएपीएल ने बयान में कहा है कि इस ठेके के तहत टाटा प्रोजेक्ट्स टर्मिनल, रनवे, एयरसाइड इंफ्रास्ट्रक्चर, सड़कों, उपयोगिताओं और अन्य सहायक भवनों का निर्माण करेगी. इसका चयन बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के डिजाइन, खरीद और निर्माण में उसके अनुभव के आधार पर अंतिम तीन में से किया गया है.

पहले चरण का निवेश

यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, ‘‘हमें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए टाटा प्रोजेक्ट्स के साथ साझेदारी करने की खुशी है. इससे हमारी परियोजना अगले चरण में प्रवेश करेगी और निर्माण गतिविधियों में तेजी आएगी.’’

वहीं जेवर एयरपोर्ट में निवेश को लेकर कहा गया है कि कुल 1,334 हेक्टेयर में फैली ग्रीनफील्ड सुविधा के पहले चरण में 5,700 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इससे एक रनवे का परिचालन शुरू किया जाएगा. इसकी क्षमता सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभालने की होगी. इस एयरपोर्ट का परिचालन 2024 तक शुरू होने की उम्मीद है.

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Tata Group की ही कंपनी टाटा प्रोजेक्ट्स के सीईओ और एमडी नामित विनायक ने कहा कि हमें जेवर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के ईपीसी कार्य सौंपे जाने पर गर्व है. देश के सबसे उन्नत और पर्यावरण के अनुकूल एयरपोर्ट को समय पर बनाने के लिए वाईआईएपीएल के साथ कंपनी मिलकर काम करेगी. हम गुणवत्ता, सुरक्षा और स्थिरता के मानकों को पूरा करते हुए इसके निर्माण में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करेंगे.

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