एक ही शख्स के पास नहीं हो सकती है Tata Trusts और Tata Sons की कमान, वजह जानिए

Written By आकांक्षा सिंह | Updated: Oct 24, 2024, 02:36 PM IST

TATA Group: हाल ही में दिग्गज बिजनेस मैन रतन टाटा की मृत्यु हुई है. उनकी मृत्यु के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्टों का अध्यक्ष बनाया गया, लेकिन वह टाटा संस के अध्यक्ष नहीं बन सकते हैं. आइए जानते हैं क्या कारण है कि नोएल टाटा क्यों नहीं बन सकते अध्यक्ष. 

Noel Tata: दिग्गज बिजनेस मैन रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को रतन टाटा की मृत्यु के बाद टाटा ट्रस्टों का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. इससे उन्हें टाटा समूह पर महत्वपूर्ण नियंत्रण मिला है, लेकिन वे टाटा संस के अध्यक्ष नहीं बन सकते. टाटा संस, जो कि टाटा समूह की सभी प्रमुख कंपनियों का संचालन करता है के शीर्ष पद के लिए नोएल टाटा अयोग्य हैं.

इसके पहले भी नोएल टाटा को करना पड़ा है परेशानियों का सामना
यह पहली बार नहीं है जब नोएल टाटा को टाटा संस का अध्यक्ष बनने में समस्याओं का सामना करना पड़ा है. 2011 में, जब रतन टाटा ने पद छोड़ा, तो नोएल के अध्यक्ष बनने की अटकलें थीं, लेकिन यह भूमिका उनके बहनोई साइरस मिस्त्री को दे दी गई. इसके बाद, 2019 और 2022 में, जब नोएल को टाटा ट्रस्टों का ट्रस्टी नियुक्त किया गया, तो उनकी अध्यक्षता को लेकर फिर से चर्चा हुई, लेकिन टाटा संस का पद उन्हें नहीं मिला.


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इस कारण नोएल टाटा नहीं बन सकते अध्यक्ष
2022 में, रतन टाटा के नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण नियम लाया गया था, जो किसी एक व्यक्ति को टाटा ट्रस्ट और टाटा संस दोनों की अध्यक्षता करने से रोकता है. चूंकि नोएल टाटा वर्तमान में टाटा ट्रस्ट का नेतृत्व कर रहे हैं, इसलिए वे टाटा संस के अध्यक्ष नहीं बन सकते. टाटा संस, टाटा समूह की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी रखता है, जिससे इसका अध्यक्ष पद अत्यधिक प्रभावशाली बन जाता है. रतन टाटा द्वारा स्थापित यह संरचना यह सुनिश्चित करती है कि समूह के भीतर कोई भी व्यक्ति अत्यधिक शक्ति न रखे, जो कि संगठन की दीर्घकालिक स्थिरता के लिए जरूरी है.

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