डीएनए हिंदी: टेलीकॉम डिपार्टमेंट (Telecom Department) ने मंगलवार को इंटरनेशनल बॉर्डर एरिया के पास टेलीकॉम कनेक्टिविटी पर प्रतिबंध हटाने के लिए लाइसेंस मानदंडों में संशोधन किया, जिससे इन स्थानों पर बेहतर मोबाइल कवरेज का मार्ग प्रशस्त हुआ. सरकार ने यूनिफाइड एक्सेस सर्विसेज लाइसेंस एग्रीमेंट (UASL) नियमों में संशोधन किया है ताकि सर्विस प्रोवाइडर्स को एलओसी (LOC) और इंटरनेशनल बॉडर्स (International Borders) के साथ एरिया को टैप करने की अनुमति मिल सके. मौजूदा समय में सर्विस आगे के क्षेत्रों और सीमाओं पर उपलब्ध नहीं है.
इससे पहले के नियमों के मुताबिक, क्वज् ने यह अनिवार्य किया था कि टेलीकॉम ऑपरेटर्स को यह सुनिश्चित करना है कि बेस स्टेशन, सेल साइट या रेडियो ट्रांसमीटर बॉर्डर से उतनी ही दूर हैं, जितने रेडियो सिग्नल. अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के पास या पार करने पर वहां से निकलने वाली सिग्नल्स कमजोर पड़ जाते हैं. इसके अलावा, बेस स्टेशन, सेल साइट्स या रेडियो ट्रांसमीटर्स लगाने से पहले लोकल आर्मी अथॉरिटी से मंजूरी लेना अनिवार्य था.
यह भी पढ़ें- EPF से ज्यादा कमाई करा रही हैं ये तीन Fixed Deposits, जानिए कितनी होगी बचत
पीटीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस कदम से सीमावर्ती क्षेत्रों में दूरसंचार कवरेज में सुधार होगा और इन स्थानों पर लोगों को सेवा से वंचित नहीं किया जाएगा. साथ ही, भारतीय दूरसंचार कंपनियों को इन क्षेत्रों में कवरेज प्रदान करने की अनुमति दी जा रही है, विदेशी सिम और नेटवर्क के उपयोग पर अंकुश लगाया जाएगा, जबकि सुरक्षा एजेंसियां किसी भी खतरे या दुरुपयोग की निगरानी करने में सक्षम होंगी. इस विकास से मुख्य रूप से लेह, लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के साथ-साथ कुछ अन्य स्थानों को भी लाभ होगा जो पहले की स्थिति के कारण छोड़े गए थे.
यह भी पढ़ें- कैसे पता करें कि आधार फर्जी है या असली? यहां जानें पूरा तरीका
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.