डीएनए हिंदी : वित्त वर्ष पहली तिमाही का आज आखिरी दिन है. अगर आपने अभी तक अपने पैन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक (Pan-Aadhaar Link) नहीं किया है तो आज ही कर लें, आज आपको ऐसा करने पर सिर्फ 500 रुपये का ही लेट भुगतान करना होगा, अगर आपने एक जुलाई पर छोड़ दिया तो यह फाइन बढ़कर 1000 रुपये हो जाएगा. जुलाई के महीने से क्रिप्टो ट्रांजेक्शंस पर एक जुलाई से टीडीएस (TDS on Crypto) भी लागू होगा. वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया इंफ्लूएंजर्स और डॉक्टर्स पर सेल्स प्रमोशन के माध्यम से प्राप्त होने वाले मॉनेटरी बेनिफिट्स पर 10 प्रतिशत टीडीएस लागू होगा. आइए आपको विस्तार से जानकारी देते हैं इन तीनों टैक्स रिलेटिड बदलावों के बारे में...
दोगुना होगा पैन-आधार लिंकिंग फाइन (Pan-Aadhaar Link Fine)
आधार-पैन लिंकिंग की लास्ट डेट 30 जून 2022 है. सीबीडीटी गाइडलाइंस के अनुसार यदि कोई व्यक्ति 31 मार्च 2022 से 30 जून 2022 के बाद अपने पैन को आधार से जोड़ता है, तो उसे 500 रुपये का लेट फाइन चुकाना होगा. अगर कोई व्यक्ति 30 जून 2022 तक पैन को आधार से जोड़ने में विफल रहता है, तो उसे 1 जुलाई 2022 से पैन-आधार सीडिंग के लिए 1,000 रुपये का जुर्माना देना होगा.
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क्रिप्टोकरेंसी पर टीडीएस (TDS on Cryptocurrency Transactions)
1 अप्रैल 2022 से क्रिप्टोकरेंसी पर 30 प्रतिशत फ्लैट इनकम टैक्स लगाने के बाद, भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन पर 1 प्रतिशत एक्स्ट्रा टीडीएस लगाने जा रही है, भले ही निवेशक को लाभ या हानि कुछ भी हो. हालांकि, एक निवेशक नुकसान से जुड़े ट्रांजेक्शन पर लगाए गए टीडीएस की वापसी का दावा करने में सक्षम होगा. टैक्सबड्डी डॉट कॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने डिजिटल असेट्स पर टीडीएस कैसे लगाया जाएगा, इस पर बताया कि 1 जुलाई, 2022 से, क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े ट्रांजेक्शन पर 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस प्रस्तावित किया गया है. ध्यान देने वाली बात यह है कि हम लाभ या हानि पर क्रिप्टोकरेंसी बेच सकते हैं लेकिन 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस निश्चित रूप से होगा. हम नुकसान से जुड़े लेनदेन पर किए गए टीडीएस की वापसी का क्लेम कर सकते हैं. इसलिए, यदि आपने लेनदेन में किया है तो इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम किया जा सकता है.
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डॉक्टर्स, इंफ्लूएंजर्स के लिए टैक्स रूल में बदलाव
केंद्रीय बजट 2022 में, भारत सरकार ने आयकर अधिनियम 1961 में एक नया खंड 194आर जोड़ा है. इस नए खंड में डॉक्टर्स और सोशल मीडिया इंफ्लूएंजर्स पर सेल्स प्रमोशन के माध्यम से प्राप्त मॉनेटरी बेनिफिट पर 10 फीसदी टीडीएस का प्रस्ताव है. हालांकि, टीडीएस तभी लागू होगा जब एक वित्तीय वर्ष में यह बेनिफिट 20,000 रुपये या उससे अधिक हो. धारा 194 आर कैसे काम करेगी, इस पर सेबी पंजीकृत कर और निवेश विशेषज्ञ जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि यदि एक प्राइवेट डॉक्टर एक दवा निर्माता कंपनी से नमूने प्राप्त कर रहा है और ऐसे सभी नमूनों की लागत एक वित्तीय वर्ष में 20,000 रुपये से अधिक हो जाती है, तो उस पर 10 फीसदी टीडीएस लगेगा. हालांकि, अगर डॉक्टर किसी निजी अस्पताल में कार्यरत है, तो उस स्थिति में अस्पताल पर 10 प्रतिशत टीडीएस लगाया जाएगा. यह जानना महत्वपूर्ण है कि धारा 194आर सरकारी संस्थाओं पर लागू नहीं होती है. इसलिए, यदि सरकारी अस्पताल में कार्यरत कोई डॉक्टर नि:शुल्क चिकित्सा नमूने प्राप्त कर रहा है, तो उसे 10 प्रतिशत टीडीएस का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है.
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