निवेशकों को लगभग मंगलवार को 5 लाख करोड़ डूब गए हैं. पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से शेयर बाजार अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है. और लगातार निवेशकों के पैसे डूब रहे हैं.
मंगलवार बाजार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई थी लेकिन कारोबार के दौरान बेंचमार्क इंडेक्स लगातार गिरे और बेंचमार्क इंडेक्स अच्छे-खासे नुकसान के साथ बंद हुए.
घरेलू सूचकांकों ने मंगलवार को सकारात्मक रुख के साथ कारोबार की शुरुआत की, लेकिन बाद में बाजार लगातार अस्थिरता का सामना करता रहा और सपाट कारोबार करने लगे. बीएसई का 30 शेयर वाला सूचकांक सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 123.82 अंक चढ़कर 74,019.36 अंक पर पहुंच गया लेकिन दोपहर होते होते मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट में भारी बिकवाली देखी गई.
एचडीएफसी बैंक, रिलायंस में बिकवाली से सेंसेक्स 384 अंक टूटा मुंबई, सात मई (भाषा) स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 384 अंक टूट गया। शेयरों का मूल्यांकन ऊंचा होने को लेकर चिंता के बीच एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और आईसीआईसीआई बैंक में बिकवाली से बाजार नीचे आया. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 383.69 अंक यानी 0.52 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,511.85 अंक पर बंद हुआ था. कारोबार के दौरान एक समय यह 636.28 अंक तक लुढ़क गया था.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 140.20 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,302.50 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, टाटा मोटर्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
सेशन के दौरान बीएसई मिडकैप इंडेक्स 2 फीसदी से अधिक टूट गया, जबकि बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स लगभग 2 परशेंट तक गिर गया.
भारत VIX लगभग 6 प्रतिशत उछलकर 17.6 के स्तर पर पहुंच गया. बता दें कि भारत VIX शेयर मार्केट में अस्थिरता को मापने का एक मानक है.
बता दें कि सेंसेक्स 384 अंक यानी 0.52 फीसदी की गिरावट के साथ 73,511.85 पर बंद हुआ. ICICI बैंक, HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और पावर ग्रिड के शेयर टॉप पर रहे.
निफ्टी 140 अंक या 0.62 प्रतिशत गिरकर 22,302.50 पर बंद हुआ, जिसमें 34 स्टॉक लाल निशान पर थे.
निवेशकों का 5 लाख करोड़ डूबा
बता दें कि बीएसई-लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सेशन के 403.4 लाख करोड़ से घटकर लगभग 398.4 लाख करोड़ हो गया, जिससे निवेशकों को एक ही बार में लगभग 5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ.