Business Idea: बाप-बेटे की जोड़ी ने किया कमाल, खेती से कमा रहे हजारों रुपये, आप भी करें ट्राई

Written By मनीष कुमार | Updated: Sep 02, 2023, 12:13 PM IST

Bottle Gourd Farming 

Unique Business Idea: सारण जिले के मुबारकपुर गांव में एक बाप-बेटे की जोड़ी लोकी की खेती से हर हफ्ते हजारों रुपये की कमाई कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं क्या है पूरी खबर.

डीएनए हिंदी: आज के समय में हर शख्स ज्यादा कमाई करने की सोचते हैं. भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां कई पढ़ें-लिखें और अनपढ़ लोग भी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके खेती से लाखों-हजारों रुपये कमा रहे हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आए हैं जहां बाप-बेटी की जोड़ी ने कमाल कर दिखाया है. खेती के दम पर ये जोड़ी काफी अच्छा कमा रहे हैं. आइए जानते हैं इनकी सफलता की कहानी. बिहार के सारण में अधिकतर किसान चावल, गेहूं और मक्का जैसी विभिन्न फसलें एक साथ उगाते थे. लेकिन अब उन्होंने सिर्फ सब्जियां उगाने का फैसला किया है. इसका मतलब है कि वे बड़े पैमाने पर सब्जियां उगाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. अधिक से अधिक युवा भी खेती से जुड़ रहे हैं.

बाप बेटे की जोड़ी ने किया कमाल
टुनटुन नाम के लड़के और उसके पिता बच्चा यादव सारण के एक गांव में रहते हैं. वे अपने खेत में ना सिर्फ लौकी जैसी सब्जियां उगा रहे हैं बल्कि हर दिन खूब पैसा भी कमा रहें हैं. किसान बच्चा यादव को चावल और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलें उगाने से पर्याप्त पैसा कमाने में परेशानी हो रही थी, हालांकि उन्होंने बहुत मेहनत की थी. उनके बेटे, टुनटुन यादव ने सुझाव दिया कि वे लौकी की एक अलग फसल उगाने का प्रयास करें.

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बेटे के सुझाव से बदली किस्मत
बेटे के सुझाव के बाद पिता ने बाजार से यूएस डब्लूएस-906 नाम की एक विशेष प्रकार की लौकी खरीदी और अपने खेत के एक हिस्से में लगा दी. लौकी की खेती से बच्चा यादव को बहुत पैसा मिला. इसके बाद उन्होंने अन्य फसलों की बजाय ढेर सारी सब्जियां उगाने का फैसला किया. टुनटुन यादव एक युवा किसान हैं जो इन दिनों अपने एक बीघा खेत में लौकी की खेती कर रहे हैं. हर दिन, वह अपने पौधों से लौकी की कटाई करता है. वह हर हफ्ते अपने खेत में आने वाले व्यापारियों को लौकी बेचकर 10 हजार रुपये से ज्यादा कमाते हैं.

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बढ़ रही है लौकी की पहुंच
टुनटुन यादव ने बताया कि लौकी को व्यापारी छपरा व आसपास के बाजारों में ला रहे हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि फसल स्वस्थ रहे, वे स्मार्ट उत्पादों का उपयोग करके एक विशेष प्रकार की जैविक दवा का छिड़काव करते हैं. पहले रासायनिक उर्वरकों पर बहुत पैसा खर्च होता था, लेकिन अब जैविक दवा सस्ती है और अच्छा काम करती है. जैविक औषधि पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाती. 

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