डीएनए हिंदी: टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन-आइडिया (VI) पर वित्तीय संकट लगातार बने हुए हैं. फाइनेंशियल ईयर 2023-2024 में कंपनी का घाटा एक बार फिर बढ़ गया है. वोडाफोन-आइडिया को अप्रैल-जून तिमाही (Vodafone Idea Q1 Results) में 7,840 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, जो पिछले साल की समान तिमाही से 7% ज्यादा है, पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी को 7,297 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. जबकि कंपनी इसकी पहली तिमाही, जो जनवरी से मार्च तक चली, के दौरान 6,419 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
ARPU में 2 फीसदी का हुआ मुनाफा
वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान वोडाफोन-आइडिया के राजस्व में 2% की मामूली वृद्धि हुई. कंपनी की परिचालन आय (Operational Income) 10,655 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 10,410 करोड़ रुपये थी. कंपनी काएवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर (ARPU) 139 रुपये था जो पिछले वर्ष के इस टाइम पीरियड में 135 रुपये था. आंकड़ो पर गौर करें तो कंपनी के ARPU में महज 2.9 फीसदी की मामूली बढ़ोतरी हुई है. वहीं भारती एयरटेल का ARPU जहां 200 रुपये, रिलायंस जियो का 180.5 रुपये है. जबकि इनके मुकाबले वोडाफोन आइडिया बहुत पीछे है.
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कंपनी के यूजर्स हुए कम
अप्रैल-जून तिमाही के अंत में कंपनी का कुल कर्ज 2.11 लाख करोड़ रुपये था. इसमें करीब 1.33 लाख करोड़ रुपये का डेफर्ड स्पेक्ट्रम पेमेंट का पेडिंग है साथ ही 66,860 करोड़ रुपये का एजीआर के मद में बकाया भी शामिल है जो सरकार को भुगतान करना है. इस टाइम पीरियड में बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कर्ज में भी कमी आई है और ये घटकर 5700 करोड़ रुपये पर आ गया. वहीं दूसरी ओर कंपनी के यूजर घटकर 221 मिलियन हो गए जो पिछली तिमाही में 225.9 मिलियन थे.
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जानें कंपनी के CEO ने क्या कहा
सीईओ अक्षय मुंद्रा ने कहा कि यह लगातार 8वीं तिमाही है जिसमें कंपनी ने रेवेन्यू, एआरपीयू और प्रति दिन 4जी ग्राहकों में बढ़ोतरी देखी है, जो अधिक प्रभावी ढंग से काम करने और बाजार में टिके रहने की हमारी क्षमता को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हम अतिरिक्त कर्ज लेने के बारे में अपने लेंडर्स से बातचीत कर रहे हैं. अपना नेटवर्क बनाने और 5G सेवा लॉन्च करने के लिए, हम वर्तमान में इक्विटी के जरिए से पैसा जुटाने पर चर्चा कर रहे हैं.
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