कौन थे दिग्गज बिजनेसमैन Cyrus Mistry, टाटा ग्रुप के साथ क्या था उनका विवाद?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 04, 2022, 05:12 PM IST

Cyrus Mistry टाटा ग्रुप के प्रमुख भी रहे थे. उनके टाटा के साथ कई विवाद भी जुड़े जिसके चलते रतन टाटा को दोबारा टाटा ग्रुप संभालना पड़ा है.

डीएनए हिंदी: टाटा ग्रुप (Tata Group) के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का आज सड़क हादसे में निधन हो गया है. उनकी मुंबई से सटे पालघर में एक सड़क हादसे में मौत हो गई है. उनकी कार चौराटी इलाके में रोड के डिवाडर से टकरा गई. इसके बाद मौके पर ही उनकी मौत हो गई है. वे मर्सिडीज गाड़ी में सवार थे. 

मुंबई में पैदा हुए 48 साल के साइरस मिस्त्री ने लंदन बिजनेस स्कूल से पढ़ाई की थी. साइरस ने परिवार के पलोनजी ग्रुप में 1991 में काम करना शुरू किया था. उन्हें 1994 में शापूरजी पलोनजी ग्रुप का निदेशक नियुक्त किया गया. साइरस मिस्‍त्री के नेतृत्व में उनकी कंपनी ने भारत में कई बड़े रिकॉर्ड बनाए, इनमें सबसे ऊंचे रिहायसी टॉवर का निर्माण, सबसे लंबे रेल पुल का निर्माण और सबसे बड़े बंदरगाह का निर्माण शामिल है.

New Aadhar Online Service: अब आसानी से बदलें आधार कार्ड में नाम, पता और जन्मतिथि, जानिए पूरा प्रोसेस

लंदन से की थी पढ़ाई

साइरस ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की थी. इसके बाद वे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन चले गए. उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री भी थी. वहीं टाटा संस के बोर्ड में साइरस मिस्‍त्री ने 2006 में एंट्री की थी. साल 2012 के दिसंबर महीने में उन्‍होंने टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर कमान संभाली थी. वहीं टाटा ग्रुप ने 18 महीने की खोज के बाद इस पद के लिए साइरस मिस्‍त्री का चयन किया गया था.

टाटा ग्रुप की मिली थी जिम्मेदारी

साइरस को दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा सन्स के चेयरमैन पद देकर रिटायरमेंट ले लिया था. वहीं उसके बाद साइरस मिस्त्री को टाटा सन्स का चेयरमैन बनाया गया था. मिस्त्री टाटा सन्स के सबसे युवा चेयरमैन थे. मिस्त्री परिवार की टाटा सन्स में 18.4% की हिस्सेदारी है. वो टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर थे.

Kotak Mahindra Bank: इस बैंक ने एफडी पर ब्याज दरें बढ़ाई, यहां चेक करें रेट डिटेल्स

क्या था साइरस मिस्त्री का टाटा से विवाद

टाटा ग्रुप के प्रमुख बनने के चार साल के अंदर ही 24 अक्टूबर 2016 को टाटा सन्स ने उन्हें चेयरमैन पद से हटा दिया था. उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था. इसके बाद 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा सन्स के चेयरमैन बनाए गए थे.

इस विवाद को लेकर टाटा सन्स का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा सन्स के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था. इसी वजह से बोर्ड के सदस्यों का मिस्त्री पर से भरोसा उठ गया था. टाटा के 150 साल से भी ज्यादा समय के इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे ग्रुप चेयरमैन थे. खास बात यह है कि वे दूसरे ऐसे शख्स थे जो कि नॉन टाटा चेयरमैन रहे. 

टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री का निधन, कार एक्सीडेंट में गंवाई जान

साइरस का टाटा ग्रुप से विवाद इतना बढ़ गया था कि उन्हें न केवल बीच में ही उनके पद से हटाया गया था बल्कि टाटा ग्रुप को बचाने और बिजनेस को फिर से पटरी पर लाने के लिए उम्रदराज रतन टाटा को फिर टाटा ग्रुप के प्रमुख का पद संभालना पड़ा था. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

tata sons Cyrus Mistry Tata Group