WPI Inflation: अगस्त में 11 महीने के निचले स्तर पर आई थोक महंगाई, लगातार तीसरे महीने गिरावट

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 14, 2022, 01:57 PM IST

WPI Inflation in August:देश में थोक महंगाई लगातार तीसरे महीने कम हुई है, जो कम होकर 12.41 प्रतिशत पर आ गई. यह आंकड़ा 11 महीने के निचले स्तर पर है. 

डीएनए हिंदीः Manufactured Products की कीमतों में नरमी होने से थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (WPI Inflation in August) अगस्त में लगातार तीसरे महीने घटकर 12.41 प्रतिशत पर आ गई. यह आंकड़ा अब 11 महीने के निचले स्तर पर आ गया है. खाद्य वस्तुओं के दामों में तेजी के बावजूद मुद्रास्फीति का आंकड़ा घटा है. थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति इससे पिछले महीने, जुलाई में 13.93 फीसदी थी. यह पिछले साल अगस्त में 11.64 फीसदी थी. डब्ल्यूपीआई महंगाई में लगातार तीसरे महीने गिरावट का रुख देखने को मिला है. इससे पहले पिछले साल अप्रैल से लगातार 17वें महीने में यह दहाई अंकों में रही. डब्ल्यूपीआई इस वर्ष मई में 15.88 फीसदी के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गई थी. 

सब्जियों की कीमत में हुआ इजाफा 
सब्जियों की महंगाई अगस्त में बढ़कर 22.29 फीसदी हो गई, जो जुलाई में 18.25 फीसदी थी, जबकि फलों के मामले में जुलाई में 29.44 फीसदी की तुलना में महीने के दौरान बढ़कर 31.75 फीसदी हो गई. फ्यूल और बिजली महंगाई में गिरावट जारी रही, जो अगस्त में 33.67 फीसदी देखने को मिली, जो पिछले महीने 43.75 फीसदी थी. कच्चे पेट्रोलियम की मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 50.57 प्रतिशत हो गई, जो एक महीने पहले 58.77 प्रतिशत थी. 

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पेट्रोल और डीजल पर कम हुई महंगाई 
अगस्त में डीजल की मुद्रास्फीति पिछले महीने के 72.41 फीसदी से घटकर 60.15 फीसदी हो गई और पेट्रोल की महंगाई पिछले महीने 55.3 फीसदी से घटकर 38.68 फीसदी हो गई. केंद्र सरकार ने मई में पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी, जिससे राजकोष को राजस्व में 1 ट्रिलियन रुपये प्रति वर्ष के करीब की लागत आई थी. केंद्र ने महंगाई को कम करने और आयात और कम आयात बिल की आवश्यकता में कटौती करने के लिए घरेलू आपूर्ति में सुधार के लिए कच्चे तेल के उत्पादन पर अप्रत्याशित करों के अलावा पेट्रोल, डीजल और एयर टर्बाइन ईंधन पर निर्यात शुल्क भी लगाया.

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खुदरा मुद्रास्फीति लगातार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय लक्ष्य से ऊपर रही. अगस्त में यह 7 प्रतिशत पर थी. महंगाई पर काबू पाने के लिए आरबीआई ने इस साल प्रमुख ब्याज दर को तीन बार बढ़ाकर 5.40 फीसदी कर दिया है. केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में खुदरा मुद्रास्फीति के 6.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है.

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