डीएनए हिंदीः बढ़ती महंगाई और आर्थिक मंदी जैसे हालात हो देखते हुए लोग गोल्ड (Gold) में निवेश को सबसे सही विकल्प मानते हैं. लोगों को मानना है कि सोना ही मुसीबत के समय उन्हें राहत दे सकता है. भारत में सोने में निवेश करने का चलन काफी पुराना है. लगातार बढ़ती महंगाई के बीच भी सोने की कीमतों में आई गिरावट नए संकेत दे रही है. लोगों का रुझान अब सोने में निवेश करने से पीछे हट रहा है. यही कारण है कि एमसीएक्स (MCX) पर सोने का वायदा कारोबार 51 हजार रुपये पर पहुंच गया है. वहीं चांदी के दाम में भी करीब 2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. जानकार आगे भी सोने के दाव में स्थिरता बने रहने का अनुमान जता रहे हैं.
क्या सोने में निवेश से हो रहा मोहभंग?
रूस-यूक्रेन युद्ध और कई देशों के बीच चल रहे टकराव से वैश्विक बाजार उधर-पुथल के दौर से गुजर रहा है. वैश्विक बाजार में अस्थिरता बनी हुई है. ऐसी स्थिति में अक्सर सोने के दाम में बढ़ोतरी देखी जाती है. वहीं डॉलर के लगातार मजबूत होने से भारतीय बाजार पर भी इसका सीधा असर पड़ा है. मंगलवार को भारत के प्रमुख शहरों में 10 ग्राम में 22 कैरेट सोना पिछले दिन के 47,600 रुपये के प्रिंट की तुलना में 700 रुपये सस्ता होकर 46,900 रुपये हो गया. वहीं 10 ग्राम में 24 कैरेट सोना सोमवार के मूल्य स्तर 51,930 रुपये के मुकाबले 770 रुपये घटकर 51,160 रुपये रह गया है.
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लगातार बढ़ रही महंगाई
दुनिया भर के केंद्रीय बैंक महंगाई पर लगाम लगाने के लिए दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. भारत में सीपीआई मुद्रास्फीति (Inflation) लगातार आठवें महीने के लिए उच्च स्तर पर बनी हुई है. यह 7 फीसदी का आंकड़ा भी पार कर चुकी है. महंगाई के दबाव ने आरबीआई को वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 190 आधार अंकों की रेपो दर में वृद्धि की है. इससे आम आदमी पर सीधा असर हुआ है. इनकी ईएमआई (EMI) बढ़ गई हैं. फिलहाल रेपो रेट 5.9 फीसदी बना हुआ है.
विदेशों में भी सोने की मांग में गिरावट
भारत ही नहीं विदेश में निवेशक सोने से किनारा कर रहे हैं. अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका जैसे देशों में लगातार बढ़ रही महंगाई के बाद भी सोने में निवेश से लोग दूरी बनाए हुए हैं. जानकारों का कहना है कि ग्रीनबैक के मजबूत होने और प्रमुख केंद्रीय बैंकों की ओर से दरों में बढ़ोतरी से सोने पर लगातार दवाब बढ़ रहा है वहीं यूएस फेड द्वारा दरों में बढ़ोतरी से अमेरिकी डॉलर दुनिया की प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले मजबूत हुआ है. मजबूत डॉलर सोने की खरीदारी को और अधिक महंगा बना देता है जिससे निवेश का रूझान और कम हो जाता है.
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