वैश्विक अर्थव्यस्था में भारी उथल-पुथल की आशंका, जानें भारत पर क्या असर पड़ेगा

Written By मनीष कुमार | Updated: Jul 29, 2023, 01:45 PM IST

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने अपनी हाल ही की रिपोर्ट में थोड़े डराने वाले संकेत दिए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अगले 6 महीने में वैश्विक अर्थव्यस्था में भारी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं.

डीएनए हिंदी: वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) की हाल ही कि रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 6 महीने के दौरान वैश्विक अर्थव्यस्था (Global Economy) में भारी उथल-पुथल की आशंका जताई गई है. इसका मतलब है कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था सुस्त पड़ सकती है. रिपोर्ट में इस फोरकास्ट को लेकर राजनीतिक तनाव में तेजी, जियो इकॉनमी और जियो पॉलिटिकल रिलेशन होने वाले उतार-चढ़ा‌व को मुख्य कारण माना गया है. वहीं बाजार विशेषज्ञों और इकोनॉमी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा होने पर भारतीय अर्थव्यस्था पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है. विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की सर्वे रिपोर्ट चीफ रिस्क ऑफिसर्स (CRO) की बातचीत पर आधारित है. इस सर्वे में शामिल 85 फीसदी से ज्यादा सीआरओ का ऐसा मानना है कि दुनिया की प्रमुख अर्थव्यस्था में अस्थिरता आ सकती है.

क्या प्रभाव पड़ सकते हैं?
रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे माल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है, इंटरेस्ट रेट बढ़ सकता हैं, सप्लाई चेन बाधित हो सकती है, कच्चे तेल की कीमत भी आसामान छू सकती है इसके कारण महंगाई के हालात पैदा हो सकते हैं. इसके अलावा कई देशों की करंसी की वैल्यू भी कम हो सकती है. इससे एक बात तो साफ है कि अगर ऐसा कुछ होता है तो इससे सीधे तौर पर दुनिया की प्रमुख इकॉनमी में अनिश्चितता बढ़ेगी. ऐसे में पूरी विश्व की अर्थव्यस्थाओं में खलबली मचेगी.

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भारतीय अर्थव्यस्था पर भी पड़ सकता है असर
इंडियन चैंबर ऑफ बिजनेस एंड कॉमर्स के CEO नितिन पंगोत्रा ने कहा कि 'भारत की अर्थव्यस्था पर इसका असर देखने को मिल सकता है. वर्तमान में ग्लोबल इकॉनोमी में जिस तरह के घटनाक्रम हो रहे हैं, उनका सीधा असर भारत पर पड़ रहा है. पिछले फाइनेंशियल ईयर में इंडिया की GDP ग्रोथ 7.2% थी, मगर इस बार यह घटकर  6% हो सकती है. अगर आप इसके बदलते वैश्विक अर्थव्यस्था का असर नहीं  मानते तो क्या कहेंग? भारत में महंगाई बढ़ रही है जुलाई में रिटेल महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा होने की बात कही जा रही है.'

फिर बढ़ सकती है ब्याज दरें
इकॉनमिस्ट एस.के. सुरेश कहते हैं कि 'अगर ग्लोबल इकॉनोमी में उथल-पुथल होती है तो उससे कितना असर होगा ये कहना मुश्किल है. मगर इतना जरूर कह सकते हैं कि महंगाई को रोकने के लिए सरकार और आरबीआई दोनों पूरी तत्परता से काम करेंगे. सरकार और RBI दोनों को मालूम है कि अगर महंगाई बढ़ी तो GDP ग्रोथ में गिरावट को रोक पाना कठिन होगा. अगर ऐसे में अगर ब्याज दरों को दोबारा से बढ़ाने की जरूरत हुई तो वह ये फैसला लिया जा सकता है.

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भारत बन सकता है बड़ी अर्थव्यवस्था
ग्लोबल फोरम की रिपोर्ट के बीच देश के सबसे बड़े बैंक SBI के इकोनॉमी एक्सपर्ट्स ने साल 2027 तक भारतीय इकोनॉमी को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने का अनुमान लगाया है. हालांकि ये अनुमान पहले जताए गए अनुमान से 2 साल कम है. यह रिपोर्ट पीएम मोदी के उस संबोधन के एक दिन बाद आई है जिसमें उन्होंने भरोसा जताया कि एनडीए सरकार के तीसरे कार्यकाल में भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
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