Retirement: रिटायरमेंट प्लान करते समय कभी ना करें ये 10 गलतियां, वरना होगा भारी नुकसान

मनीष कुमार | Updated:Aug 14, 2023, 01:03 PM IST

Retirement Planing: रिटायरमेंट प्लान करते समय अक्सर लोग कर बैठते हैं ये 10 गलतियां जिनसे आपको बचना चाहिए.

डीएनए हिंदी: अगर आप बड़ी ही लगन से अपनी अपनी रिटायरमेंट के लिए अलग से पैसे बचा रहे हैं तो आपको काफी सारी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. आप जो महीने में बचत करते हैं वो आपको खुशी भावना तो दे सकती है लेकिन यदि आप भविष्य और वर्तमान की संभावित चुनौतियों का ध्यान नहीं रखते हैं तो भविष्य में आरामदायक और सुखद रिटायरमेंट को सपनों को तोड़ सकती है. आज अहम आपको 10 ऐसी गलतियों के बार में बताने वाले हैं जो लोग रिटायरमेंट प्लान करते समय अधिकतर दोहरा देते हैं. आपको इन गलतियों से बचना चाहिए ताकि आपकी रिटायरमेंट अच्छे से प्लान हो सके.

रिटायरमेंट प्लान करते समय इन गलतियों से बचें:

1 रिटायरमेंट से पहले ईपीएफ का पैसा निकालना
आपका एंप्लॉय प्रोविडेंट फंड(EPF) आपकी रिटायरमेंट बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसे आपके कामकाज के बाद के वर्षों के दौरान वित्तीय स्थिरता प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है. रिटायरमेंट से पहले इसे वापस लेने से आपके द्वारा बनाई जा रही रिटायरमेंट की राशि में काफी कमी आ सकती है. घर खरीदने जैसे नॉन- रिटायरमेंट खर्चों के लिए ईपीएफ का उपयोग करने के बजाय, होम लोन, व्यक्तिगत बचत, या निवेश जैसे अन्य रास्ते तलाशें जो आपके रिटायरमेंट फंड को बचा सके.

2. पीपीएफ के फायदे को नजरअंदाज करना
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक बेहतर सेविंग का जरिया है जो निवेश और निकासी दोनों स्तरों पर कर लाभ प्रदान करता है. इसमें अधिकतम राशि का लगातार निवेश करके, आप समय के साथ पर्याप्त धनराशि जमा कर सकते हैं, जो आपकी रिटायरमेंट फंड के रूप में काम करेगी. उदाहरण के लिए, यदि आप 15 साल तक सालाना 1.5 लाख रुपये बचाते हैं तो आपका फंड बढ़कर 40.68 लाख रुपये हो जाएगा. 

3. स्वास्थ्य बीमा में देरी
जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, स्वास्थ्य बीमा बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है और रिटायरमेंट के बाद चिकित्सा खर्च (medical expenses) बढ़ने लगता है. केवल कंपनी जो हेल्थ कवर देती है उस पर कभी भी निर्भर नहीं रहना चाहिए. इसके दो कारण है पहला जैसे ही आपकी नौकरी जाएगी तो आपका हेल्थ कवर उसी के साथ खत्म हो जाएगा दूसरा कंपनी का हेल्थ कवर का अमाउंट हमेशा पर्सनल हेल्थ इंशोयरेंस से कम होता है. इसलिए रिटायरमेंट में मेडिकल खर्चों को कम करने के लिए शुरूआत से ही हेल्थ कवर लेकर चलें.

4. समय से पहले रिटायरमेंट
समय से पहले रिटायरमेंट की इच्छा सराहनीय है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनाने की आवश्यकता होती है. जल्दी रिटायरमेंट आपके रिटायरमेंट पीरियड को काफी बढ़ा सकती है, जिससे आपकी लाइफस्टाइल को मेंटेन रखने के लिए ज्यादा फंड की आवश्यकता होगी. लंबे समय तक  रिटायरमेंट की वित्तीय आवश्यकताओं को कम आंकने से बाद के आने वाले वर्षों में आपको वित्तीय तनाव हो सकता है. अपने सेवानिवृत्ति के बाद के खर्चों का सटीक अनुमान लगाकर और मुद्रास्फीति को शामिल करके, आप अधिक सुरक्षित रिटायरमेंट प्लान की दिशा में काम कर सकते हैं.

5. कम लागत वाले निवेश विकल्प चुनें
फंड मैनेजमेंट फीस जैसी निवेश लागत समय के साथ आपके रिटर्न को खा सकती हैं.  हाई फीस आपके निवेश से मिलने वाले फायदों को को काफी हद तक कम कर सकता है और आपके  रिटायरमेंट फंड में बढ़ोतरी को प्रभावित कर सकता है. अपने निवेश रिटर्न को अधिकतम करने और अनावश्यक खर्चों को कम करने के लिए कम लागत वाले निवेश विकल्प, जैसे इंडेक्स फंड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), और म्यूचुअल फंड के डायरेक्ट प्लान चुनें.

6. पर्याप्त बीमा न होना
अचानक होने वाली मृत्यु की स्थिति में जीवन बीमा आप पर डिपेंडेंट लोगों  जैसे फैमिली मेंबर को फाइनेंशियली मजबूत बनाने में मदद करता हैं. आपकी सालाना इनकम के लगभग 10-15 गुना की कवरेज राशि वाली एक टर्म जीवन बीमा पॉलिसी आपको लेनी चाहिए. अगर आपकी सालाना आय 5 लाख है तो आपको 50 लाख से 100 करोड़ के बीच प्लान लेना चाहिए. अगर आपकी आयु 21-25 साल है तो 50 लाख से 1 करोड़ तक का टर्म प्लान आपको 10 हजार/सालाना रुपये के प्रीमियम में मिल जाएगा.

7. देर से रिटारमेंट प्लान करना
जब आप जल्दी शुरुआत करते हैं तो कंपाउंडिंग इंटरेस्ट के आधार पर आपको रिटायरमेंट प्लान करने पर अधिक पैसा मिलता है. वहीं जितना लेट आप प्लान करेंगे तो जिस भी पॉलिसी में इन्वेस्ट करेंगे तो आपको ज्यादा प्रीमियम देना पड़ेगा और कम रिटर्न मिल पाएगा.

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8. घर न होना:
आपके पास घर ना होने से रिटायरमेंट के बाद आपकी वित्तीय स्थिति गड़बड़ा सकती है. आपके पास घर होने से आपको किराया नहीं देना पड़ता इसके अलावा साल-दर-साल घर और जमीन की कीमतें बढ़ती ही हैं. इसलिए आप समय से घर ले लेते हैं तो आप अपनी भविष्य को भी सुरक्षित कर लेते हैं.

9. टैक्स को लेकर जागरूक रहें
रिटायरमेंट के बाद, आपके इनकम सोर्स में पेंशन, एन्युटी और सेविंग से मिलने वाले इंटरेस्ट शामिल हो सकते हैं. आपको यह जानना महत्वपूर्ण है कि ऐसी आय पर कर लगेगा या नहीं ताकि आपकी पोस्ट टैक्स रिटर्न प्रभावित ना हो पाए. इसलिए जरूरी है कि आप जितनी भी योजनाओं में निवेश कर रहे हैं या जहां कहीं से भी आपने इनकम के सोर्स डिवेलप किए हैं उन पर कब और कितना कर लगेगा इस बारे में आपको हमेशा से जागरूक रहना चाहिए. ताकि रिटायरमेंट के बाद किसी तरह का सरप्राइज ना मिलें.

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10. एलोकेशन इन स्ट्रेटजी
आपके रिटायरमेंट पोर्टफोलियो के लिए एक संतुलित जोखिम-रिटर्न प्रोफ़ाइल प्राप्त करने के लिए एक सही एलोकेशन स्ट्रेटजी तैयार करना सबसे जरूरी है. एलोकेशन स्ट्रेटजी तैयार करते समय आप अपने रिस्क टोलरेंस, उम्र और वित्तीय उद्देश्यों को ध्यान में रखें. हालांकि रिटायरमेंट के करीब आने पर अधिक रिस्क फ्री होना स्वाभाविक है, लेकिन पूरी तरह से इक्विटी निवेश से दूर न रहें, क्योंकि वे लॉन्ग टर्म ग्रोथ देने की क्षमता रखते हैं.

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