डीएनए हिंदी: मोदी सरकार जल्द ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (7th Pay Commission) के लिए महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) बढ़ा सकती है. बता दें कि महंगाई भत्ता (DA) आमतौर पर हर साल दो बार संशोधित किया जाता है - जनवरी और जुलाई में. डीए और भुगतान में बढ़ोतरी की घोषणा आमतौर पर मार्च में की जाती है.सरकार से 31 मार्च तक फिटमेंट फैक्टर और महंगाई भत्ता (DA) को संशोधित करने की उम्मीद है.
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए डीए की गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए लेटेस्ट उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI-IW) के आधार पर की जाती है. श्रम मंत्रालय की एक शाखा श्रम ब्यूरो हर महीने CPI-IW डेटा प्रकाशित करता है. यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते की गणना के लिए एक निर्धारित फॉर्मूला है.
वित्त मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के कर्मचारी इस बार महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं. इसके अलावा, सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए महंगाई राहत में भी 4% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है, उन्होंने कहा कि अगर महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है, तो यह 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होगा.
महंगाई भत्ता की गणना:
केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए: डीए की गणना इस तरह की जाती है - {(पिछले 12 महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष -2001 =100) का औसत -115.76)/115.76} x 100.
केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए, डीए की गणना इस तरह की जाती है - {(पिछले 3 महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (आधार वर्ष -2001 =100) का औसत -126.33)/126.33} x 100.
गौरतलब है कि अगर डीए को 38 फीसदी से बढ़ाकर 42 फीसदी किया जाता है तो कर्मचारियों के वेतन पर महंगाई भत्ता भी बढ़ जाएगा. विशेष रूप से, एक कर्मचारी के वेतन मैट्रिक्स के स्तर के आधार पर डीए अलग होता है.
यहां कुछ जरूरी जानकारी दी जा रही है:
डीए बढ़ोतरी 1 जनवरी, 2023 से प्रभावी होगी.
वर्तमान में एक करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को 38 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है.
डीए में पिछला संशोधन 28 सितंबर, 2022 को किया गया था, जो 1 जुलाई, 2022 से प्रभावी था.
केंद्र ने जून, 2022 को समाप्त अवधि के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के 12 मासिक औसत में प्रतिशत वृद्धि के आधार पर डीए को चार प्रतिशत अंक से बढ़ाकर 38 प्रतिशत कर दिया था.
बढ़ती कीमतों की भरपाई के लिए कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए प्रदान किया जाता है.
रहने की लागत समय के साथ बढ़ती है और सीपीआई-आईडब्ल्यू के के जरिए रिफ्लेक्ट होती है.
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