डीएनए हिंदी: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) भारत सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले सोने के बॉन्ड हैं. ये बॉन्ड सोने के ग्राम के खिलाफ जारी किए जाते हैं, जिससे व्यक्ति अपनी फिजिकल संपत्ति को सुरक्षित रखने के तनाव के बिना सोने में निवेश कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड निवेशकों को निम्नलिखित लाभ प्रदान करते हैं:
सुरक्षा: SGB भारत सरकार द्वारा समर्थित हैं, इसलिए निवेशकों को अपनी निवेशित राशि के लिए सुरक्षा की गारंटी है.
लिक्विडिटी: SGB को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया जाता है, जिससे निवेशक आसानी से उन्हें बेच सकते हैं.
ब्याज: SGB पर एक निश्चित ब्याज दर मिलती है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) में निवेश करने के लिए, निवेशकों को जारीकर्ता बैंक, डाकघर या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करना होगा. आवेदन करने के लिए, निवेशकों को अपना पैन नंबर, आधार नंबर और बैंक खाता डिटेल देना होता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की कुछ प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- बोन्ड की अवधि: 8 वर्ष
- न्यूनतम निवेश: 2,000 रुपये
- ब्याज दर: 2.50% प्रति वर्ष
- इश्यू प्राइस: प्रति ग्राम सोने का बाजार मूल्य
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हाल ही में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सदस्यता के लिए उपलब्ध किया था. इस दौरान कुछ बैंकों के जरिये इसमें निवेश किया जा सकता था. आइये जानते हैं कि कैसे आप SBI के जरिये सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना में निवेश कर सकते हैं.
- अपने एसबीआई ऑनलाइन बैंकिंग में लॉग इन करें.
- 'ईसर्विसेज' > 'सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड' पर क्लिक करें.
- नियम और शर्तें स्वीकार करें, फिर आगे बढ़ें.
- वन-टाइम रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और सबमिट करें.
- सदस्यता मात्रा और नामांकित व्यक्ति की जानकारी दर्ज करें.
- 'सबमिट' पर क्लिक करें.
आप एसबीआई के अलावा आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), पीएनबी (PNB) और केनरा बैंक (Canara Bank) नेट बैंकिंग के जरिए खरीदारी कर सकते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में कैसे निवेश करें?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के लिए, निवेशकों को एक आवेदन पत्र भरना होगा. आवेदन पत्र जारीकर्ता बैंक, डाकघर या ऑनलाइन पोर्टल से प्राप्त किया जा सकता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने के बाद, निवेशकों को अपने आवेदन की पुष्टि के लिए एक पावती प्राप्त होगी. पावती में निवेश की गई राशि, इश्यू प्राइस और बॉन्ड की अवधि का डिटेल होगा.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना होगा:
निवेश की अवधि: SGB की अवधि 8 वर्ष है. निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इस अवधि के लिए निवेश करने के लिए तैयार हैं.
ब्याज दर: SGB पर एक निश्चित ब्याज दर मिलती है. निवेशकों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्याज दर उनकी आवश्यकताओं को पूरा करती है.
लिक्विडिटी: SGB को स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध किया जाता है, जिससे निवेशक आसानी से उन्हें बेच सकते हैं. हालांकि, निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि SGB की कीमत सोने की कीमत के आधार पर उतार-चढ़ाव कर सकती है.
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