Fixed Deposits पर ऐसे उठा सकते हैं Loan, यहां जानें पूरा तरीका

Written By नेहा दुबे | Updated: May 04, 2023, 05:54 PM IST

Fixed Deposits

अगर आप Fixed Deposits में निवेश करते हैं तो हम आपको बता दें कि आप इसपर लोन उठा सकते हैं. आइए जानते हैं FD पर लोन का फयदा कैसे उठाया जा सकता है.

डीएनए हिंदी: फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) निवेश के सबसे पारंपरिक और भरोसेमंद तरीकों में से एक है. परेशानी मुक्त प्रोसेस, निश्चित रिटर्न की गारंटी और कई अन्य कारक फिक्स्ड डिपॉजिट को एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाते हैं. हालांकि, बहुत कम लोग जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट सिर्फ एक निवेश का जरिया ही नहीं है इससे कहीं ज्यादा है. अगर आपको कभी तुरंत पैसों की जरुरत पड़ जाए तो आप FD के खिलाफ लोन उठा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे?

आप अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) को कोलैटरल के रूप में गिरवी रख सकते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट के एवज में लोन लेना एक सिक्योर्ड लोन होता है. इसपर बैंक कम ब्याज भी लेता है. बता दें की यह लोन मुख्य रूप से बैंक द्वारा ओवरड्राफ्ट के रूप में वितरित किया जाता है.

आप कितनी लोन राशि का लाभ उठा सकते हैं?

आपके द्वारा प्राप्त की जा सकने वाली लोन राशि FD जमा राशि पर निर्भर करती है. यह जमा रकम के 90-95 फीसदी तक जा सकता है.

FD पर लोन कौन ले सकता है?

व्यक्तिगत धारकों और संयुक्त खाता धारकों सहित सभी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) होल्डर इसका इस्तेमाल लोन के लिए कोलैटरल के रूप में कर सकते हैं. हालांकि, नाबालिग के नाम पर एफडी इस सुविधा के लिए योग्य नहीं है. साथ ही पांच साल की टैक्स सेविंग एफडी के निवेशक इस प्रकार के लोन के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं.

FD पर लोन के क्या फायदे हैं

  • अन्य प्रकार के लोन जैसे पर्सनल लोन (लागू FD दर से 0.5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत अधिक) की तुलना में FD पर लोन कम ब्याज दर लेता है.
  • आपको एफडी को तोड़ने और समय से पहले निकासी के लिए जाने की जरूरत नहीं है, जिसके परिणामस्वरूप एफडी पर ब्याज का नुकसान होता है.
  • एफडी पर लोन लेते समय कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है.
  • एफडी पर लोन घरेलू और एनआरआई एफडी पर लिया जा सकता है.
  • लोन चुकौती एकमुश्त या किस्त के रूप में की जा सकती है (एफडी अवधि से बाद में नहीं)

क्योंकिफिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposits) पर लोन लेते समय ग्राहक की एफडी को कोलैटरल के रूप में रखा जाता है, इस प्रकार उठाया गया लोन सुरक्षित होता है. इसलिए, सुरक्षित लोन के लिए लगाया जाने वाला ब्याज कम होता है. अगर लोन लेने वाला राशि का भुगतान करने में सक्षम नहीं है, तो बैंक इसे एफडी राशि से आसानी से प्राप्त कर सकता है. आमतौर पर यह राशि मेच्योरिटी के समय तय की जाती है.

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