डीएनए हिंदी: सपनों के घर को बनाना या खरीदना एक सबसे बड़ा निवेश है. इसमें नवेश करने से लॉन्ग टर्म का मुनाफा मिलता है. साथ ही अगर आप होम लोन पर घर खरीद रहे हैं तो आपको इसके लिए मंथली EMI देना होगा. आपको मालूम हो कि बहुत से ऐसे बैंक हैं जो होम लोन की सुविधा के साथ होम लोन इंश्योरेंस (Home Loan Insurance) की भी सुविधा देते हैं. यह होम लोन इंश्योरेंस ( (Home Loan Protection) सुरक्षा प्रदान करते हैं. इस लाभ के तहत अगर उधारकर्ता को कुछ हो जाता है तो ऐसे में उसके परिवार बकाया लोन नहीं देना पड़ता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और आईआरडीए (IRDA) के पास गृह ऋण बीमा (Home Loan Insurance) के संबंध में कोई दिशानिर्देश नहीं है और इसे लेना जरूरी नहीं है. हालांकि, बैंक और वित्तीय संस्थान घर लेने वालों को होम इंश्योरेंस प्रदान करते हैं.
होम लोन इंश्योरेंस क्या है?
होम लोन इंश्योरेंस या होम लोन प्रोटेक्शन प्लान होम लोन के लिए एक सुरक्षा योजना है. जब आप अपना आवास खरीदने के लिए उधार लेते हैं तो अधिकांश बैंक होम लोन के साथ होम लोन बीमा की पेशकश करते हैं. इस बीमा पॉलिसी के तहत, लोन लेने वाले की मृत्यु के मामले में लोन देने वाले बैंकों, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ होम लोन राशि का भुगतान करता है.
होम लोन इंश्योरेंस के लाभ
अगर कोई ग्राहक होम लोन इंश्योरेंस खरीदना चाहता है तो वह बीमा प्रीमियम को एकमुश्त या मासिक किश्तों में होम लोन ईएमआई (Home Loan EMI) के साथ जमा कर सकता है. होम लोन की EMI के साथ होम लोन इंश्योरेंस की मासिक किस्त भी काट ली जाएगी.
आपके परिवार की रक्षा करता है
अगर कभी होम लोन के उधारकर्ता का निधन हो जाता है तो ऐसे में उनका परिवार बाकि बचा हुआ EMI बैंक को देता है. हालांकि, अगर परिवार कर्ज चुकाने में असमर्थ है, तो उन्हें घर खाली करने के लिए कहा जाता है. होम लोन इंश्योरेंस इस समस्या का ख्याल रखता है. एक बार कर्जदार होम लोन इंश्योरेंस का ऑप्शन चुन लेता है तो उनके निधन के बाद भी उनके परिवार को होम लोन चुकाने या बकाया कर्ज का भुगतान न करने के कारण अपना घर खाली करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है.
एसेट और अन्य गिरवी रखे चीजों की रक्षा करता है
अगर होम लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो बकाया लोन राशि चुकाने के लिए ऋणदाता द्वारा विचाराधीन घर और अन्य मूल्यवान संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है. कुछ मामलों में, भले ही परिवार के सदस्य घर को बचाने का मैनेज करते हैं फिर भी वे उनका घर जब्त हो जाता है. ऐसे में बकाया लोन राशि चुकाने के लिए होम लोन इंश्योरेंस का इस्तेमाल किया जा सकता है.
टैक्स में रियायत मिलती है
होम लोन इंश्योरेंस के लिए भुगतान करने वाले होम लोन प्रोटेक्शन कवर के लिए भुगतान किए जा रहे प्रीमियम पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80C के तहत कर कटौती का लाभ उठा सकते हैं.
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