डीएनए हिंदी: अपने वित्तीय मैनेजमेंट के लिए सही निर्णय लेना जरूरी है. खासकर सेवानिवृत्ति योजना (Retirement Scheme) बनाना जरूरी है. उम्र बढ़ने के साथ नौकरी के अवसर आमतौर पर कम होते जाते हैं. हालांकि खर्च और पैसों की जरुरत कभी कम नहीं होती है बल्कि यह समय (Inflation) के साथ बढ़ता जाता है. इसलिए आपको रिटायरमेंट के बाद कोई समस्या ना हो इसलिए पहले से ही रिटायरमेंट फंड (Retirement Fund) तैयार करना जरूरी है. यहां हम बता रहे हैं की कैसे निवेश करें की रिटायरमेंट के बाद आपको मंथली 50 हजार रुपये मिले?
निवेश के विकल्प का मासिक आय पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है. बाजार की सफलता के आधार पर इक्विटी बाजार में निवेश करने वाले प्लान बेहतर रिटर्न देते हैं. हालांकि अगर बाजार का रुख नकारात्मक है तो आपके पैसे लॉस में भी जा सकते हैं. उदाहरणों के तौर पर इसमें म्युचुअल फंड (Mutual Fund), यूलिप (ULIP) आदि शामिल हैं. इसके लिए आपको कम से कम 9 हजार रुपये मासिक 10 से 12 साल के लिए निवेश करना होगा. जिसके बाद रिटायरमेंट के बाद आपको 50 हजार रुपये मंथली मिलेंगे.
50 हजार रुपये का मासिक पेंशन पाने के लिए निवेशक को उच्च जोखिम और कम जोखिम वाली सिक्योरिटीज में निवेश करना होगा. इस तरह, भले ही बाजार खराब प्रदर्शन कर रहा हो, फिर भी आपके पास एक बैकअप प्लान होगी.
इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद 50,000 पेंशन पाने के लिए निवेश के कई विकल्प हैं, आइए जानते हैं उनके बारे में:
एनपीएस
राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (National Pension System) या एनपीएस (NPS) भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक पेंशन कार्यक्रम है जो श्रमिकों के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है. इस सेवानिवृत्ति बचत योजना (Retirement Savings Plan) के सदस्य भविष्य की आय उत्पन्न करने के उद्देश्य से नियमित बचत करने में सक्षम हैं.
यूनिट लिंक्ड बीमा योजना
कुछ रिटायरमेंट यूलिप (ULIP) हैं जो निवेश की अवधि समाप्त होने पर आपको आय का स्रोत प्रदान करते हैं. इसके अलावा, योजना प्रीमियम का एक हिस्सा जीवन बीमा पॉलिसी के लिए उपयोग किया जाता है. रिटर्न बेहतर करने के लिए बाकी रकम इक्विटी और डेट फंड में मिलाई जाती है. वे फंड के बाजार प्रदर्शन के आधार पर बेहतर रिटर्न प्रदान करते हैं.
म्यूचुअल फंड
ये निवेश विकल्प इक्विटी या ऋण बाजारों से लाभ प्रदान करते हैं और बाजार (Mutual Fund) से जुड़े भी हैं. निवेश जोखिम पूरी तरह से निवेशक द्वारा ग्रहण किया जाता है. जोखिम प्रोफाइल को संतुलित करने के लिए व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के उपयोग की सलाह दी जाती है.
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