डीएनए हिंदी: यदि आप हाल ही में रिटायर हुए हैं या जल्द ही रिटायरमेंट लेने की योजना बना रहे हैं तो यह जानकारी आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है. अक्सर लोग अपनी रिटायरमेंट के लिए कई तरह की प्लानिंग करते हैं. वह कई तरह के इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करते हैं. कई तरह की योजनाओं में समय-समय पर भागीदारी लेते रहते हैं. इतना ही नहीं रिटायरमेंट पर लोगों को अक्सर पीएफ का पैसा मिलता है. अगर आप एक नौकरी पेशा वाले व्यक्ति हैं तो रिटायरमेंट तक आपके अकाउंट में आपके एंप्लॉयर द्वारा कुछ अमाउंट ईपीएफ के तौर पर काटकर जमा कराया जाता है.
अक्सर इसको लेकर लोगों के मन में सवाल रहता है कि क्या रिटायरमेंट के बाद पीएफ अमाउंट पर लोगों की कोई टैक्स लायबिलिटी बनती है या नहीं. इसी सवाल का जवाब आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से देने की कोशिश करेंगे.
इन हालातों में प्रोविडेंट फंड पर नहीं लगेगा टैक्स
टैक्स नियमों के अनुसार ईपीएफ की इस कैटेगरी को टैक्स से Exempt माना जाता है. यानी जबतक आप नौकरी कर रहे थे, तब तक पीएफ खाते के अमाउंट पर आपने जो ब्याज कमाया है उसपर टैक्स की देनदारी नहीं बनती है.
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इस स्थिति में लगेगा PF पर टैक्स
हालांकि नियम का एक क्लॉज ये भी कहता है कि अगर रिटायरमेंट के बाद आप पीएफ से पैसा विड्रॉल नहीं करते और रिटायर्ड होने के बाद भी अगर आप पीएफ पर ब्याज का मुनाफा कमाते हैं तो इस पर आपको टैक्स देना होगा.
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इस क्लॉज को ऐसे समझें?
मान लीजिए की एक शख्स ने 2020 में रिटायरमेंट ली. रिटायरमेंट के बाद 2020 से लेकर 2023 तक 3 सालों में उन्होंने अपने पीएफ अकाउंट से पैसा विड्रोल नहीं किया. उस पीएफ अकाउंट अमाउंट पर ब्याज उन्हें मिलता रहा तो ऐसी स्थिति में साल 2020 से पहले वाले कमाए हुए पैसे भर व्यक्ति को कोई भी इंटरेस्ट नहीं देना पड़ेगा.
वहीं 2020 से 2023 तक 3 सालों में अमाउंट पर कमाए गए इंटरेस्ट पर व्यक्ति की टैक्स लायबिलिटी बनती है और उस पर उसे टैक्स देना पड़ेगा.
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