डीएनए हिंदी: आज के समय में बाजार में निवेश के कई तरह के विकल्प मौजूद हैं. फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स बेचने वाली कंपनियां अक्सर ग्राहकों को बड़े-बड़े वादों से लुभाती हैं. लोग अक्सर आकर्षक रिटर्न की आड़ में धोखाधड़ी का शिकार बन जाते हैं. ऐसा देखा गया है कि जब निवेशक कंपनी के ऊपर गलत तरीके से बेचे गए वित्तीय उत्पाद जैसे बीमा या म्यूचुअल फंड को लेकर शिकायत दर्ज करने का प्रयास करता है तो वित्तीय उत्पाद बेचने वाली कंपनी बच जाती है. इससे निवेशक के पास निवेशक सुरक्षा हेल्पलाइन (Investor Protection Helpline) के आईवीआर (IVR) पर शिकायत दर्ज करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है.ऐसे में निवेशक क्या करें क्या नहीं इसी सोच में पड़ जाता है. आज आप लोगों की इसी समस्या का समाधान लेकर हम आए हैं.
IVR कॉल में फंसा रह जाता है इन्वेस्टर
निवेशक सुरक्षा हेल्पलाइन में अक्सर ऑटोमैटेड रिस्पॉन्सेस के साथ इंटरैक्टिव वॉयस रिस्पांस (IVR) सिस्टम होते हैं जिनसे कुछ पलों के लिए तो निवेशक को राहत मिलती है लेकिन बाद में ग्राहक या तो स्वचालित आईवीआर के चक्रव्यूह में खो जाता है या फिर दफ्तरों और बैंकों के चक्कर लगाता रहता है. हालांकि ग्राहकों को जल्द ही इन सबसे छुटकारा मिल जाएगा. सरकार विवाद समाधान के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित करने पर काम कर रही है जहां शिकायत दर्ज करना और शिकायत का समाधाम पाना आसान हो जाएगा.
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सरकार की ओर से की जा रही है नई प्लानिंग
सरकार जल्द ही गलत तरीके से ग्राहको को बेचे गए वित्तीय प्रोडक्ट्स पर मदद करने के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने जा रही है. एक्सपर्ट का अनुमान है कि ऑनलाइन विवाद समाधान के लिए बन रहा प्लेटफॉर्म एक स्टैंडअलोन तकनीकी मंच होगा, जो बीमा या म्यूचुअल फंड जैसी वित्तीय वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री में लगे किसी भी कंपनी से जुड़ा हुआ नहीं होगा. समाधान करने वाला यह संगठन एक लाइसेंस प्राप्त रेगुलेटरी होगी जिसके पास ऐसे मुद्दों को संभालने का अधिकार होगा. ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और स्मार्ट केस मैनेजमेंट जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके, ये प्लेटफॉर्म निवेशकों के जीवन को सरल बनाएगा.
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समिति का हुआ गठन
ऑनलाइन विवाद समाधान पूरे देश में अधिक लोकप्रिय हो रहा है. PhonePe और UPI के लॉन्च के बाद बाजार रेगुलेटरी संस्थान SEBI ने हाल ही में अपना ऑनलाइन विवाद समाधान प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है. भारत सरकार द्वारा पूर्व कानून सचिव टीके विश्वनाथन के नेतृत्व में एक समिति गठित की गई है, और यह वर्तमान में विवाद समाधान के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म विकसित कर रही है ताकि निवेशकों के मामलों की निष्पक्षता से सुनवाई हो सके.
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